बेटी अब खुशियां लातीं हैं, जन्म हुआ तो मुफ्त खिलाए बीस हजार गोलगप्पे

बेटी अब खुशियां लातीं हैं, जन्म हुआ तो मुफ्त खिलाए बीस हजार गोलगप्पे

ग्वालियर। भिंड क्षेत्र में अगर कोई बेटी की किलकारी घर-आंगन में गूंजती है तो परिवार के बड़े-बुजुर्ग कठिनाई महसूस करते हैं और बेटी को मनहूस मानते रहे हैं। लेकिन श्यामपुरा (लहार) के सोनू बाथम (गोलू) के घर 13 फरवरी को बेटी का जन्म हुआ तो सभी लोग खुशी से झूम उठे। न मनहूसियत महसूस हुई और न किसी अन्य प्रकार की कठिनाई। उल्टे सोनू बाथम ने डब्बाली हरियाणा में 20 हजार गोलगप्पे (पानी पूरी) फ्री में लोगों को खिलाई।

सोनू की धर्मपत्नी को जब हरियाणा में प्रसव पीड़ा हुई तो स्त्रीरोग विशेषज्ञ चिकित्सक से बात की और उन्होंने जब सीजिरियन डिलेवरी की बात कही तो सोनू अपनी पत्नी को लेकर ग्वालियर आ गया और यहां 13 फरवरी को नॉर्मल डिलेवरी के दौरान सुंदर बालिका की किलकारी गूंज उठी। सोनू ने तुरंत अपने छोटे भाई को कॉल लगाया और दो अन्य रेड़ियों से मुफ्त में 20 हजार गोलगप्पे बंटवा दिए। सोनू हरियाणा में गोलगप्पों की रेड़ी लगाता है। सोनू का कहना है कि बेटियां अब मां-बाप पर बोझ नहीं हैं, आसमान को छू रहीं हैं। हमें खुशी हुई है कि घर में पहली बेटी के नन्हें-नन्हें कदमों की पदचाप सुनाई देगी। खास बात है कि सोनू की चार रेड़ियों में दो का जिम्मा दो बेटियां हीं संभालती रहीं हैं।

एक साल पहले हुई थी सोनू की शादी

सोनू बाथम ने बताया कि उसकी शादी सवा साल पहले हुई थी। पहली संतान बेटी के रूप में जन्मी है। सोनू का कहना है कि मध्यप्रदेश में बेटियों की पढ़ाई से लेकर शादी तक का जिम्मा मामा शिवराज सिंह ने उठा रखा है इसलिए हम भी खुश हैं। अब जमाना बदल रहा है, बेटियों को लेकर हमें अपनी परंपरागत सोच बदलना होगी। सोनू का छोटा भाई अपने बड़े भाई की गैरमौजूदगी में वह डब्बाली हरियाणा में रेड़ी लगा रहा है। घर में भतीजी के जन्म पर वह भी बेहद खुश है।