बच्चों पर न डालें खाने का दबाव, गर्मी में लंच में दें हल्का खाना

बच्चों पर न डालें खाने का दबाव, गर्मी में लंच में दें हल्का खाना

गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं और इस बीच बच्चों के स्कूल भी खुलने शुरू हो गए हैं। लगभग दो साल बाद बच्चे स्कूल जा रहे हैं और उन्हें स्कूल से लौटते समय बस व वैन में गर्मी का सामना भी करना है। यूं भी बच्चे स्कूल में फिलहाल एडजस्टमेंट प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं। वहीं यह गर्मी भी उन्हें सताएंगी। बड़ों के लिए यह मौसम खाना थकावट भरा होता है, लेकिन शरीर गर्मी का शिकार न हो इसके लिए खाने पीने में संयम व ताजी खाना पेट की गर्मी व फूड पाइजनिंग जैसी परेशानियों से बचाएगा। डायटीशियंस के पास पेरेंट्स सलाह के लिए आ रहे हैं कि बच्चे स्कूल में वोमिटिंग कर रहे हैं, दरअसल बच्चों को अब सुबह 6 से 7 के बीच में नाश्ता करने की आदत नहीं रही है और पेरेंट्स जबरजस्ती उनको खिला रहे हैं और वे जब वैन या बस में बैठते हैं तो कुछ दे र बाद वोमटिंग कर देते हैं, उन्हें खाने का दवाब न डालें। लंच बॉक्स में सादा खाना रखें वे भूख लगने पर खा लेंगे।

फूड पॉइजनिंग से बचना जरूरी

फूड पॉइजनिंग आमतौर पर बासी, खराब या सड़ी-गली चीजें खाने से ये समस्या हो सकती है। बैक्टीरिया के संपर्क में आने के कारण भी फूड पॉइजनिंग हो सकती है। रोगप्रतिरोधक क्षमता अगर कमजोर हो, तो इसके परिणाम और भी गंभीर होते हैं। पेट में दर्द, डायरिया, दस्त आदि समस्याएं होती हैं। बच्चों और बुजुर्गों को इसका सबसे ज्यादा जोखिम होता है। आमतौर पर बासी या खराब हो चुके भोजन को खाने और बैक्टीरिया, वायरस या कीट के संपर्क में आने के कारण फूड पॉइजनिंग होती है।

1 केलाअगर पेट में गर्मी हो रही है तो केला खाएं। केले में पोटैशियम ज्यादा होता है जिससे एसिड कंट्रोल रहता है। केले में पाए जाने वाल पीएच तत्व पेट से एसिड को कम करता है। इससे पेट में एक चिकनी लेयर बनती है और गर्मी से राहत मिलती है। केले में फाइबर भी काफी होता है जिससे पाचन सही रहता है।

2 पुदीनापुदीने को दही के रायते में डालें। वहीं नींबू शिंकजी के साथ पुदीना का इस्तेमाल करें। इससे भी शरीर को ठंडक मिलती है।

3 सौंफपेट की गर्मी को शांत करने के लिए खाने बाद सौंफ और मिश्री खाएं। इससे पेट में होने वाली जलन शांत हो जाएगी। सौंफ खाने से एसिडिटी की समस्या भी दूर हो जाती है।

4 ठंडा दूध पेट की गर्मी के लिए नाश्ते में रोजाना 1 कप ठंडा दूध पीएं। दूध में कैल्शियम होता है जो पेट की गर्मी को अब्जॉर्ब कर लेता है और ठंडक पहुंचाता है। दूध को स्मूदी के रूप में, शेक के रूप में लें। सिंथेटिक मिल्क की जगह साधा दूध से बच्चोें के लिए ड्रिंक्स बनाएं, इससे बच्चे दूध भी पी लेंगे और उन्हें पोषण भी मिल जाएगा।

5 तुलसी के पत्ते खाली पेट तुलसी के पत्ते खाने से पेट में पानी की मात्रा बढ़ेगी। इससे पेट का एसिड भी कम होता है। तुलसी के पत्तों से मसालेदार खाना आसानी से पच जाता है। रोज सुबह 5-6 तुलसी के पत्ते खाने चाहिए। वहीं तुलसी के पत्तों को स्मूदी में डाल सकते हैं।