भारत, यूएस ने लॉकडाउन हटाने दिखाई जल्दबाजी

भारत, यूएस ने लॉकडाउन हटाने दिखाई जल्दबाजी

न्यूयॉर्क। कोरोना रोकने लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर दुनिया भर के सभी देशों का धैर्य अब जवाब दे रहा है, लेकिन लॉकडाउन खोलने में की गई जल्दबाजी के घातक परिणाम हो सकते हैं। सीएनएन ने इस संबंध में 18 देशों की नीतियों का विश्लेषण किया, जिससे यह पता चलता है कि अधिकांश देशों जिन्हें यूरोपीय यूनियन ने ऐसे देश माना है जहां महामारी नियंत्रण में है, वहां कोरोना के रोजाना पाए जाने वाले नए प्रकरणों में कमी के आधार पर प्रतिबंधों में ढील देना शुरू किया। इसके विपरीत दुनिया में चार ऐसे देश हैं जहां मौतों की संख्या एवं संक्रमण के मामले बहुत ज्यादा हैं, इनमें से तीन देशों अमेरिका, ब्राजील एवं भारत में या तो कभी भी समुचित तरीके से लॉकडाउन लागू नहीं हुआ या फिर इन देशों में संक्रमण के मामलों में कमी आने के पहले ही लॉकडाऊन में ढील दे दी गई।

15 देशों के कदमों को सही मानता है यूरोपियन यूनियन

इस मामले में यूरोपीय यूनियन 15 देशों को सुरक्षित मानता है, इन देशों के नागरिकों को पिछले मंगलवार को अपने इलाके में घूमने-फिरने की अनुमति दी गई है और लॉकडाऊन में छूट के लिए इन्हीं देशों की सिफारिशों को यूरोपीय यूनियन गाईउलाइन मानता है। इन सिफारिशों के अनुसार लॉकडाऊन में छूट देने के लिए किसी देश में नए मामलों की संख्या पिछले 14 दिनों में प्रति दस लाख नागरिकों में यूरोपीय यूनियन के देशों की तुलना में कम या उनके समान होनी चाहिए।

सूची में चीन को भी जगह

इस सूची में अल्जीरिया, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जॉर्जिया, जापान, मोंटेंनग्रो, मोरक्को, न्यूजीलैंड, रवांडा, सर्बिया, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, ट्यूनिशिया, उरूग्वे, चीन शामिल हैं। इस सूची में वह देश भी शामिल है जहां से वायरस फैला, लेकिन यूरोपीय यूनियन ने सूची में चीन को सशर्त जगह दी है। इन 14 देशों में कोरोनावायरस के जवाब में एक चीज कॉमन थी। आर्थिक दबाव के बावजूद यहां के अधिकाधिक लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के उपायों में ढील देने से इंकार कर दिया जबकि उनके देशों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे थे।