कोरोना की तरह गौ-वंश में फैल रही लंपी स्किन डिसीज

कोरोना की तरह गौ-वंश में फैल रही लंपी स्किन डिसीज

जबलपुर कोरोना वायरस की तरह ही प्रदेश में इन दिनों गौ-वंश पर एक वायरस कहर बनकर टूट रहा है। लंपी स्किन डिसीज विषाणु जनित है, जिसके कैप्री पोक्स वायरस भी कहा जाता है। जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में इस वायरस का सबसे पहला मामला गत वर्ष 2019 के सितंबर माह में अनूपपुर में देखने को मिला था। मौजूदा समय में इस बीमारी को लेकर प्रदेश सहित देश की प्रयोगशालाओं में मवेशियों को इस घातक बीमारी से बचाने रिसर्च की जा रही हैं।

विदेश से आई बीमारी

वेटरनरी में विशेषज्ञों के अनुसार लंपी स्किन डिसीज मवेशियों में होने वाला ऐसा चर्म रोग है, जिसमें वह परेशान हो जाता है, संक्रमण घातक होने के साथ-साथ फैलने वाला भी है। यह वायरस अफ्रीका सहित अन्य देशों से होता हुआ भारत में सबसे पहले उड़ीसा में आया, फिर महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित दूसरे राज्यों में इसके पीड़ित मवेशियों की संख्या बढ़ने लगी।

ये हैं लक्षण

वायरस से पीड़ित मवेशी के पूरे शरीर में गठानें आ जाती हैं, मुंह से लार गिरना, तेज बुखार आने लगता है। सामने के दोनों पैरों के बीच में सूजन आती है, कई बार मवेशी का एक पैर सूज जाता है, जिससे वह लंगड़ा के चलने लगता है, फिर उसके पूरे शरीर में गठांने आने लगती हैं, जिससे चमड़ी खराब होने लगी है।

लक्षण के अनुरूप इलाज

इस वायरस का पता लगते ही इसके लक्षण के हिसाब से इलाज किया जाता है। इसके विदेशों में वैक्सीन बनकर तैयार हैं, लेकिन भारत में भौगोलिक स्थिति के अनुरूप रिसर्च के बाद वैक्सीन तैयार करने पर रिसर्च की जा रही है।

जबलपुर में वायरस की दस्तक

शहर के पशु चिकित्सालय के विशेषज्ञों के अनुसार जिले के बरगी, कुंडम, पनागर, शहपुरा, पाटन ब्लॉक में इस बीमारी से पीड़ित मवेशियों का मिलना शुरू हो गया है।

कैसे फैलती है यह बीमारी

विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस है, मक्खी, मच्छर इसके सबसे सबल संवाहक हैं, एक मवेशी से दूसरे तक वायरस को पहुंचाने में ये ही कारण सामने आए हैं। इसके अलवा संक्रमित मवेशी का परिवहन करते हुए उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने से बीमारी फैल रही है।