पैसे लेकर सवाल करने के मामले में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द

पैसे लेकर सवाल करने के मामले में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द

नई दिल्ली। लोकसभा ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता को शुक्रवार को ध्वनिमत से रद्द कर दिया। महुआ को लेकर एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट शुक्रवार को ही लोकसभा में पेश की गई थी। उन पर पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप था। इस मामले की जांच के बाद समिति की रिपोर्ट की सिफारिश के आधार पर उनकी सदस्यता रद्द की गई। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने महुआ की सदस्यता खत्म करने संबंधित प्रस्ताव पेश किया, जो ध्वनिमत से मंजूर हो गया। हालांकि, महुआ को निष्कासित करने के लिए वोटिंग शुरू होते ही विपक्ष ने बायकॉट कर दिया। इससे पहले कुछ देर चर्चा भी हुई।

आगे क्या

  • सुप्रीम कोर्ट जा सकती हैं महुआ:

लोकसभा के फैसले के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद-226 के तहत हाईकोर्ट और अनुच्छेद-32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकती हैं।

  • दोबारा चुनाव लड़ सकती हैं: अभी की परिस्थिति के हिसाब से तो महुआ दोबारा चुनाव लड़ सकती हैं, क्योंकि फिलहाल सिर्फ उनकी सदस्यता रद्द की गई है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय लेन-देन के आपराधिक पहलुओं की जांच होनी बाकी है।

2005 में निष्कासित किए गए थे 10 सांसद:

2005 में ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में लोस के 10 और रास के 1 सदस्य को निष्कासित किया गया था। 12 दिसंबर 2005 को एक स्टिंग आॅपरेशन में 11 सांसदों को दिखाया गया कि वे सवाल पूछने के बदले पैसे की पेशकश स्वीकार कर रहे थे। इनमें से 6 भाजपा के थे, 3 बसपा के और 1-1 राजद व कांग्रेस के सांसद थे।

सांसद अपने प्रश्न खुद बनाएं और खुद ही सबमिट करें। कोई दूसरा आपकी जगह ऐसा नहीं कर सकता। अगर ऐसा होता है, तो सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए कुछ सख्त निर्णय लेने होंगे। - ओम बिड़ला, लोस अध्यक्ष

495 पेज की रिपोर्ट को बस आधे घंटे में पढ़ लिया गया। महुआ को बोलने का मौका तक नहीं दिया गया। गणतंत्र की हत्या हुई है। यह किसी भी रूप में न्याय नहीं है, जनता बीजेपी को जवाब देगी। - ममता बनर्जी, टीएमसी अध्यक्ष