मोदी की पैरेंट्स से अपील- घर में बनाएं नो गैजेट जोन, सबको मालूम हो पासवर्ड

मोदी की पैरेंट्स से अपील- घर में बनाएं नो गैजेट जोन, सबको मालूम हो पासवर्ड

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा के 7वें संस्करण में देशभर के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से बातचीत की। करीब पौने दो घंटे तक पीएम सर की मेगा क्लास में बच्चों को परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन से लेकर बेहतर नागरिक बनने के गुर मिले। पीएम ने बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता और शिक्षकों से भी बात की। मोदी ने बच्चों से अपील की कि मोबाइल का उपयोग रील्स देखने में नहीं, बल्कि पढ़ाई के लिए करना चाहिए। उन्होंने ज्यादा रील्स देखने के नुकसान भी बताए। उन्होंने कहा, अगर आप रील्स ही देखते रहेंगे तो काफी समय बर्बाद होगा, आपकी नींद खराब होगी। जो कुछ आपने पढ़ा है, वो याद नहीं रहेगा। अगर आप नींद को कम आंक रहे हैं, तो ये ठीक नहीं है। आधुनिक हेल्थ साइंस भी नींद के महत्व पर जोर देती है। आप नींद आवश्यक लेते हैं या नहीं, यह आपके स्वास्थ्य पर ध्यान देता है। मोदी ने पैरेंट्स को घर में कुछ नियम बनाने का सुझाव दिया है। जैसे घर में नो गैजेट जोन और डिनर के दौरान नो गैजेट नियम बनाना चाहिए। साथ ही अपने घरों में सभी मोबाइल फोन के पासवर्ड को प्रत्येक सदस्य के साथ साझा करना चाहिए, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।

कोरोनाकाल में थाली इसलिए बजवाई

मोदी ने कहा कि कोरानाकाल में मैंने देशवासियों से ताली थाली बजाने को कहा। हालांकि, यह कोरोना को खत्म नहीं करता, लेकिन एक सामूहिक शक्ति को जन्म देता है। पहले खेल के मैदान में हमारे लोग जाते थे। कभी कोई जीतकर आता है तो कई जीतकर नहीं आता है। पहले कोई नहीं पूछता था, लेकिन मैंने कहा कि मैं इसके लिए ढोल पीटूंगा। जिसके पास जितना सामर्थ्य है, उसका सही उपयोग करना चाहिए।

मोदी ने यह भी दिए टिप्स

  1. सही समय जैसी कोई चीज नहीं है, इसलिए उसका इंतजार न करें।
  2. बच्चों को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए और उन्हें दबावों से मुकाबला करने में मदद करनी चाहिए।
  3. स्क्रीन पर बिताया जाने वाला समय, नींद के समय को नष्ट कर देता है, मैं बिस्तर पर लेटते ही 30 सेकंड के भीतर सो जाता हूं। ???? खुद से प्रतिस्पर्धा करें, मित्रों से नहीं।
  4. दोस्ती कोई लेन-देन वाली भावना नहीं, अपने दोस्तों की सफलता पर भी खुशी मनाएं।
  5. मोबाइल फोन की तरह इंसानी शरीर को भी चार्ज करने की जरूरत होती है।

पढ़ने के साथ-साथ लिखने की प्रैक्टिस करें छात्र

मोदी ने बच्चों से कहा कि आजकल लोगों की लिखने की आदत कम हो गई है। हम आईपैड वगैरह पर ज्यादा वक्त बिताते हैं। लेकिन जितना लिखेंगे, उतनी ही अच्छी तैयारी होगी और कॉन्फीडेंस भी बढ़ेगा। इसलिए आप दिन में जितनी देर पढ़ते हैं, उसका आधा वक्त नोट्स बनाने में लगाएं। इससे आपको आइडिया लग जाएगा कि परीक्षा में कितनी देर में क्या आंसर लिखना है। मोदी ने कहा कि जैसे मोबाइल को यूज करने चार्जिंग और रिचार्ज की जरूरत है, वैसे ही शरीर को रिचार्ज करना जरूरी है।

बच्चों की जिंदगी संवारना है टीचर का काम

मोदी ने शिक्षकों को टिप्स देते हुए कहा कि बच्चों के तनाव को कम करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है, इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच हमेशा सकारात्मक रिश्ता रहना चाहिए। शिक्षक का काम सिर्फ जॉब करना नहीं, बल्कि जिंदगी को संवारना है, जिंदगी को सामर्थ्य देना है, यही परिवर्तन लाता है। मोदी ने परीक्षा-सिलेबस के प्रेशर को कम करने पर कहा, हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरूरी है।