जर्मनी में अब वैध होगा गांजा

घर में गांजे का पौधा उगा सकेंगे लोग, बिल को कैबिनेट की मंजूरी

जर्मनी में अब वैध होगा गांजा

बर्लिन। जर्मनी में कैबिनेट ने मारिजुआना यानी गांजा के उपयोग और खेती को वैध बनाने के लिए एक विवादास्पद विधेयक को पारित किया। इस बिल का उद्देश्य गांजे की कालाबाजारी पर लगाम लगाना है, ताकि हानिकारक चीजों का इस्तेमाल रोका जा सके और इसके ग्राहकों की संख्या में भी कमी लाई जा सके। जर्मनी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री लॉटरबाख ने बताया कि इस कानून के पारित होने के बाद वयस्क निश्चित जगह से 25 ग्राम या प्रतिमाह 50 ग्राम तक गांजा ले सकते हैं। इतना ही नहीं, नए कानून के मुताबिक लोग घरों में अधिकतम तीन पौधे भी उगा सकेंगे। जर्मनी में चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की सेंटर- लेμट सरकार को उम्मीद है कि इस नए कानून से गांजे की कालाबाजारी पर अंकुश लग पाएगा और उपभोक्ता दूषित मारिजुआना से बच पाएंगे। इतना ही नहीं, यह न्याय प्रणाली के लिए काम का बोझ भी कम करेगा।

खतरा: नीदरलैंड जैसा बन जाएगा जर्मनी

यदि विधेयक संसद से पारित हो जाता है, तो जर्मनी नीदरलैंड जैसा बन जाएगा। नीदरलैंड गांजा पीने के इच्छुक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। डेनमार्क ने भी गांजे को वैध बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन संसद ने खारिज कर दिया।

तय की गई लिमिट

जर्मन सरकार के प्रस्ताव में कहा गया कि 21 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को कुछ चयनित जगहों से रोजाना 25 या 50 ग्राम लेने की लेने की अनुमति रहेगी। 18 से 21 साल की उम्र के लोगों के लिए इसकी मंथली लिमिट 30 ग्राम है।

क्लब में गांजे का इस्तेमाल पूरी तरह रहेगा प्रतिबंधित

युवाओं को हर माह एक तय मात्रा में गांजा लेने की अनुमति दी गई है, लेकिन यह भी कहा गया है कि क्लबों में गांजे का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित रहेगा।

समस्या का समाधान कर रहे

हम किसी तरह की समस्या को नहीं बढ़ा रहे हैं। जो समस्या है, उसका समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं। इस नए कानून का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि गांजा हानिकारक नहीं है। इस कानून का उद्देश्य बच्चों और युवाओं की सुरक्षा करना है। - लॉटरबाख, स्वास्थ्य मंत्री, जर्मनी

न्यायाधीशों ने कहा- बढ़ सकते हैं अपराध

जर्मन न्यायाधीशों के समूह का कहना है कि नए प्रस्ताव के कानून में तब्दील होने पर असर उल्टा हो सकता है। ब्लैक मार्केट में गांजे की मांग बढ़ सकती है। अपराध बढ़ सकते हैं और न्यायिक प्रणाली पर उल्टा बोझ और बढ़ सकता है।