देश में कोरोना मरीजों का नेशनल क्लीनिकल रजिस्टर बनेगा

देश में कोरोना मरीजों का नेशनल क्लीनिकल रजिस्टर बनेगा

नई दिल्ली। देश में कोरोना के बढ़ते मरीजों के बीच सरकार भर्ती मरीजों की संख्या का लेखा-जोखा रखने जा रही है। इसके तहत देश भर में भर्ती कोरोना मरीजों के लिए एक नेशनल क्लीनिकल रजिस्टर बनाने की तैयारी चल रही है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) इसको लेकर तैयारियों में जुटा हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय और एम्स के सहयोग से आईसीएमआर, नेशनल क्लिनिकल रजिस्ट्री स्थापित करने की योजना बना रहा है।

देश के 15 संस्थानों को चुना गया

नेशनल क्लीनिकल रजिस्टर के लिए देश में 15 संस्थानों को चुना गया है। इसमें चंडीगढ़ में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, दिल्ली एम्स, जोधपुर एम्स, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस, बेंगलुरु और सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे सहित राष्ट्रीय ख्याति के पंद्रह संस्थान शामिल हैं। यह सभी संस्थान देश भर के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के साथ मिलकर इस काम को पूरा करेंगे।

केंद्र सरकार ने दिए राज्यों को निर्देश, कोरोना मरीजों को दें फोन का इस्तेमाल करने की अनुमति

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखा है कि अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों को स्मार्टफोन और टैबलेट इस्तेमाल करने की अनुमति होनी चाहिए। केंद्र ने कहा है कि इससे वह अपने परिजनों और मित्रों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर पाएंगे और उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से मदद मिलेगी। यह पत्र स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. राजीव गर्ग ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिवों को लिखा है। इसमें कहा गया है कि मरीजों और उनके परिजनों के बीच संपर्क को सुविधाजनक बचाने के लिए टाइम स्लॉट की व्यवस्था और मोबाइल को डिसइंफेक्ट करने की व्यवस्था स्थापित की जा सकती है। 29 जुलाई को जारी इस पत्र में कहा गया है, सामाजिक संबंध मरीजों को शांत रख सकते हैं और इलाज कर रहे दल की ओर से दी जा रही मनोवैज्ञानिक मदद को भी मजबूत कर सकते हैं।