रात में बुरे सपने आना बीमारी नहीं, लेकिन पीटीएसडी हो तो काउंसलिंग व इलाज जरूरी

रात में बुरे सपने आना बीमारी नहीं, लेकिन पीटीएसडी हो तो काउंसलिंग व इलाज जरूरी

 रात को नींद में कई लोगों को बहुत ज्यादा सपने आते हैं तो कई लोगों को लगातार बुरे सपने आते हैं लेकिन ऐसा क्यों होता है इसका जवाब उनके पास नहीं होता। कई लोग अपने सपनों के बारे में चर्चा करने मनोचिकित्सकों के पास आते हैं जिसमें कभी कुछ गंभीर मामले भी सुनने को मिलते हैं तो कभी लोग खुद हंसते हुए अपने सपनों के बारे में बताते हैं। मनोचिकित्सक बताते हैं, अमूमन महिलाएं पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसआॅर्डर (पीटीएसडी) के चलते बुरे सपनों से जूझती हैं जिसमें रेप या किसी तरह का शोषण उन्हें महसूस होता है, डिटेल मेंटल स्टेट्स एग्जामिनेशन करने पर पता चलता है कि वे बचपन में किसी बुरे हादसे या किसी तरह के शोषण से गुजरी हैं, ऐसी स्थिति में काउंसलिंग व इलाज की जरूरत होती है। लेकिन सामान्य मामलों में स्पष्ट हैं कि बुरे सपने आना कोई बीमारी नहीं है क्योंकि यह जीवन के तनाव व घटित होने वाली घटनाओं से जुड़े होते हैं।

संगीत, लेखन या पाठन करने से बुरे सपनों पर नियंत्रण्

यदि संगीत सुनकर रात को सोया जाए तो बुरे सपनों पर नियंत्रण हो सकता है क्योंकि दिमाग स्ट्रेस फ्री होने लगता है। बुरे सपने कहीं न कहीं किसी तरह के तनाव या जीवन की आपा-धापी या परेशानी होने पर आते हैं या फिर यह पिछली कुछ घटनाओं का रिμलेक्शन होते हैं। मेरे पास हर महीने 15 से 20 लोग बुरे सपने आने की शिकायत लेकर आते हैं जिसमें सेक्सुअल थॉट्स भी होते हैं। मैं उनसे कहता हूं कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है यह सामान्य है यदि कोई खास परिस्थिति से वे गुजर रहे हैं। जब तक सपने दिनचर्या व नींद में खलल न डाले तब तक उनसे कोई दिक्कत महसूस नहीं करना चाहिए। डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी, मनोचिकित्सक

संगीत से तलाशा रिसर्च में इलाज

स्विट्जरलैंड की यूनिवर्सिटी आॅफ जेनेवा की एक स्टडी के दौरान एक ऐसी म्यूजिक थेरेपी खोजी गई है, जिससे बुरे सपने आना कम हो जाएंगे। इनके शोध के अनुसार रात में सोते समय संगीत सुनने से ये बुरे सपने अच्छे सपनों में बदल सकते हैं। इसके अलावा अच्छी नींद भी आ सकती है। म्यूजिक नींद में लोगों के इमोशंस को कंट्रोल करने का काम करता है। डॉक्टर्स के मुताबिक जिन्हें संगीत पसंद नहीं वे सोने से पहले मेडिटेशन, लिखने या बुक रीडिंग जैसा काम कर सकते हैं लेकिन यह सभी लाइट मूड का होना चाहिए।

ट्रामा से गुजरने वालों के लिए इलाज जरूरी

यदि ऐसा लगता है कि सपने की वजह से परेशानी महसूस हो रही है तो एक बार मनोचिकित्सक से जरूर मिल सकते हैं क्योंकि बातचीत करके इसका समाधान निकाला जा सकता है। कई बार ट्रामा से गुजरे लोगों को काउंसलिंग व दवाईयों दोनों की जरूरत पड़ती है लेकिन इनसे परेशान होने की जरूरत तब तक नहीं जब तक यह जीवन को प्रभावित न करें। संगीत, लेखन या पठन निश्चित रूप अच्छी नींद व रिलेक्स होकर सोने में मदद करता है। डॉ. आरएन साहू, मनोचिकित्सक

डॉक्टर्स के पास आने वाले लोगों के कुछ कॉमन सपने

???? रात में पीछे कोई जानवर दौड़ रहा है लेकिन डर के मारे भाग नहीं पा रहे।

???? किसी भूल भुलैया का गुफा में बंद हो गए हैं वहां से निकल नहीं पा रहे।

???? कभी खुद को किसी का सामान चोरी करते या दुकान से चोरी करते हुए देखना।

???? परीक्षा का भय, जॉब खोने व प्रतियोगिता का डर व ऊंचाई से गिरने का सपना।

???? विवाह के बाद भी पूर्व प्रेमी या प्रेमिका के साथ सपने में घूमनाफिर ना।