नहीं मिली मुफ्ट बांटने की इजाजत कंपनी को फेंकनी पड़ी 26 टन आइसक्रीम

नहीं मिली मुफ्ट बांटने की इजाजत  कंपनी को फेंकनी पड़ी 26 टन आइसक्रीम

मुंबई। लॉकडाउन के बीच मुंबई की एक कंपनी को 26 टन आइसक्रीम फेंकनी पड़ी है। कंपनी ने बीएमसी, पुलिस से इसे मुफ्त बांटने की इजाजत मांग थी, लेकिन कोरोना की वजह से यह नहीं हो पाया। इसके बाद कंपनी ने आइसक्रीम को ठिकाने लगाने के लिए एक दूसरे फर्म से संपर्क किया। कंपनी का कहना है कि यह उसका बेहतरीन किस्म का आइसक्रीम उत्पाद था। मुंबई के नेचुरल्स आइसक्रीम की फैक्ट्री में 45,000 छोटे बॉक्स में पैक 26 टन आइसक्रीम दुकानों पर जाने को तैयार थी। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने 19 मार्च को ही यह ऐलान कर दिया कि 20 मार्च से राज्य में लॉकडाउन लगा दिया जाएगा। यह कंपनी के लिए बहुत बड़ा झटका था। कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पहले से ही आइसक्रीम की खपत काफी कम हो गई थी। इस आइसक्रीम को बहाने से कंपनी को करीब 2 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। 
 
मुफ्त बांटने की पेशकश
गौरतलब है कि नेचुरल्स की आइसक्रीम फ्रेश फ्रूट जूस से बनी होती हैं, इसलिए इनकी लाइफ भी करीब 15 दिन ही होती है। महाराष्ट्र के लॉकडाउन के कुछ दिनों के बाद ही पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इसके बाद कंपनी ने कोशिश की कि इन आइसक्रीम को एक्सपायर होने से पहले ही गरीबों में बांट दिया जाए। कंपनी ने इसके लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और पुलिस से इजाजत मांगी, जिसमें वितरण के लिए जरूरी वाहनों की आवाजाही की इजाजत देने का भी आवेदन था। लेकिन प्रशासन सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई के लिए इजाजत दे रहा था। और जाहिर है कि आइसक्रीम को आवश्यक वस्तु में नहीं माना गया।
 
फर्म से संपर्क कर डिस्पोजल प्लांट में डाला :
अब कंपनी के पास समस्या यह थी कि 26 टन आइसक्रीम को कहां और कैसे फेंका जाए। इतनी ज्यादा मात्रा होने की वजह से न तो इसे गटर में फेंक सकते थे न कहीं और। इसलिए कंपनी ने संजीवनी एस-3 नामक एक फर्म से संपर्क किया जिसके पास मुंबई में रेयर वेट डिस्पोजल प्लांट है। इस प्लांट में आइसक्रीम का निस्तारण किया गया और उसे बायोगैस में बदल दिया गया। हालांकि लॉकडाउन की वजह से इस गैस का भी कहीं इस्तेमाल नहीं हो पाया और वैसे ही जला दिया गया।
 

हमने एक्सपायर होने के बाद इस्तेमाल की नहीं बनाई थी नीति :
हमने तो ऐसी कोई नीति ही नहीं बनाई थी कि अपने उत्पादों का एक्सपायर होने के बाद क्या इस्तेमाल हो सकता है। डेयरी उत्पाद होने के नाते हम इसका कुछ नहीं कर सकते थे। इसे फेंकना ही था। हमें इसके आसार भी नहीं लगे थे कि महाराष्ट्र सरकार केंद्र से पहले ही लॉकडाउन लगा देगी।
- हेमंत नाईक वाइस प्रेसिडेंट,  नेचुरल्स आइसक्रीम