ऊंचे अपार्टमेंट के लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा

ऊंचे अपार्टमेंट के लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा

एडिनबर्घ ।  कोरोना वायरस को लेकर स्कॉटलैंड की हेरियट वॉट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में दावा किया है कि ऊंची इमारतों में रहने वालों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग बड़ी-बड़ी बिल्डिंग में रहते हैं, उनमें कोरोना वायरस का खतरा ज्यादा है। क्योंकि, सीवरेज सप्लाई सिस्टम और इमारत की पानी में इस महामारी के फैलने का खतरा ज्यादा है। एक ही जगह से होती है पानी की सप्लाई : एकेडमी के डायरेक्टर माइकल गॉर्म्ले का कहना है कि ऊंची इमारतों में रहने वालों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा इसलिए ज्यादा है, क्योंकि एक ही जगह पर पानी की सप्लाई होती है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस बात का खतरा हॉस्पिटल में भी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक कोरोना वायरस इंसान से इंसान में फैल रहा है, लेकिन, पानी के जरिए इस वायरस का फैलाना असमान्य है, लेकिन यह संभव है। 

हॉन्गकॉन्ग के अपार्टमेंट में कई लोग मिले थे संक्रमित 

 माइकल गॉर्म्ले का कहना है कि प्लंबिंग सिस्टम में अलग किसी बिल्डिंग में कोरोना फैलता है तो यह बहुत ही मुश्किल बात है। उन्होंने कहा कि साल 2003 में हॉन्गकॉन्ग की एक इमारत में सार्स वायरस ऐसे ही फैला था। उन्होंने कहा कि एमॉय गार्डेन्स बिल्डिंग में 19 हजार लोग रहते थे। इन इमारतों में रहने वाले 300 लोग संक्रमित हुए थे, जबकि 42 लोगों की मौत हो गई थी। डब्ल्यूएचओ ने भी कहा था कि उस विल्डिंग में सार्स महामारी पाइपलाइन के जरिए ही फैला था।

 जहां से पानी लीक होता है, वहीं से बूंदे फैला सकती हैं संक्रमण

 एकेडमी के डायरेक्टर माइकल गॉर्म्ले का कहना है कि सार्स की तरह कोरोना वायरस का संक्रमण भी तेजी से फैल सकता है, क्योंकि यू शेप पाइप से जब भी हवा टकराती है, तो उसमें मौजूद वायरस पानी की छोटी बूंदों के जरिए बाहर निकलकर संक्रमण फैलाते हैं। लिहाजा, माइकल गॉर्म्ले ने सलाह दी है कि बिल्डिंग की पाइपलाइन में कहीं भी क्रैक या दरार दिखे तो उसे तुरंत बंद कर देने चाहिए। साथ ही टॉयलेट के यू शेप पाइप को कभी भी खुला न छोड़ें। उसे तुरंत सील बंद कर दें।