पद्मश्री डॉ.सोमा ने सुनाया ‘दमादम मस्त कलंदर’ तो मंच पर आकर झूम उठी स्पेनिश डांसर

पद्मश्री डॉ.सोमा ने सुनाया ‘दमादम मस्त कलंदर’ तो मंच पर आकर झूम उठी स्पेनिश डांसर

IamBhopal संस्कृति विभाग एवं मप्र टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय ‘हृदय दृश्यम’ महा संगीत समारोह के छठवे संस्करण का शुभारंभ रविवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में हुआ। समारोह के पहले दिवस उद्घाटन सत्र में पद्मश्री डॉ. सोमा घोष, संस्कृति संचालनालय की सहायक संचालक वंदना जैन, हृदय दृश्यम के क्यूरेटर जो. अलवेरस, ओमेगा रेन्क के सीईओ सुशील प्रकाश एवं कलर्स आॅफ स्पेन की कलाकार बेटिना कस्तानयो एवं अलमुदेना ने किया। हृदय दृश्यम की पहली प्रस्ुतति कलर्स आॅफ स्पेन ने दी। इस प्रस्तुति में बेटिना कस्तानयो ने μलैमिन्को डांस प्रस्तुत किया। पियानो पर अलमुदेना ने उनका साथ दिया। अलमुदेना की पारंपरिक स्पेनिश धुनों पर बेटिना ने कदमों से आकर्षक डांस प्रस्तुत किया। बेटिना ने स्पेनिश फैन, हैंडमेड ट्रेडिशनल स्टोल एवं केसोनेट्स के माध्यम से अपने डांस में चार चांद लगा दिए और उपस्थित दर्शकों को स्पेन की संस्कृति से रूबरू कराया।

गायन में महाकाल और ओंकारेश्वर की स्तुति

कलर्स आफ स्पेन की प्रस्तुति के बाद पद्मश्री डॉ. सोमा घोष के शास्त्रीय गायन की सभा मंच पर सजी। डॉ. सोमा घोष ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत गणपति वंदना के साथ की, जो नृत्य के साथ प्रस्तुत किया गया। खुशबू पांचाल ने नृत्य में साथ दिया। ईश्वर की वंदना के पश्चात उन्होंने राग बैरागी में महाकाल एवं ओंकारेश्वर स्तुति प्रस्तुत की। इसके बाद राग भैरव में नर्मदा स्तुति को अपने मधुर कंठ से प्रस्तुत करते हुए मप्र की धरती से मां नर्मदा को नमन किया। उन्होंने श्रोताओं की फरमाइश पर ‘आज जाने की जिद न करो...’, ‘दमादम मस्त कलन्दर...’ जैसे गीत भी पेश किए। डॉ. सोमा घोष की इस प्रस्तुति के दौरान श्रोता ही नहीं स्पेन की नृत्यांगना बेटिना कस्तानयो भी थिरके बिना नहीं रह पाईं और उन्होंने मंच पर हिंदी गीतों पर स्पेनिश डांस किया। डॉ. सोमा घोष के साथ तबले पर विवेक मिश्रा, साइड रिद्म पर कृष्णमोहन कुमार, की-बोर्ड पर माजिद लतीफ, सारंगी पर पंकज पांचाल एवं हारमोनियम पर ओंकार अग्निहोत्री ने संगत दी।

बांसुरी पर सुनाया छाप तिलक सब छीनी

कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित रोनू मजूमदार की रही। उन्होंने अपनी प्रस्तुति के लिए राग आभोगी को चुना। इसके बाद उन्होंने दो भजनों को मिलाते हुए नए ढंग से प्रस्तुत किया, जिसमें मीराबाई का ‘पायोजी मैंने राम रतन धन पायो...’ एवं अमीर खुसरो का ‘छाप तिलक सब छीनी...’ प्रस्तुत करते हुए श्रोताओं का मन मोह लिया। अंत में उन्होंने बनारसी ठुमरी एवं श्रोताओं की फरमाइश पर कुछ धुनों को पेश किया। पंडित रोनू मजूमदार के साथ तबले पर पंडित अजीत पाठक एवं बांसुरी पर कल्पेश सांचला ने संगत की।