बीच में ही रुका साढ़े सात करोड़ का प्लांटेशन, बिना मंजूरी चल रहा था काम

बीच में ही रुका साढ़े सात करोड़ का प्लांटेशन, बिना मंजूरी चल रहा था काम

भोपाल। मजदूरों के बजाय मशीनों से गडढे करवाने से चर्चा में आए सीपीए फॉरेस्ट के प्लांटेशन प्रोजेक्ट को बीच में रोक दिया गया है, क्योंकि साढे सात करोड़ रुपए का यह प्रोजेक्ट सेंक्शन ही नहीं था। हालांकि फेंसिंग करवाकर गड्ढे करवाए जा चुके हैं। साथ ही खाद, मिट्टी और रेत आदि भी खरीदी करवाकर गड्ढों के आसपास ढेर लगे हैं। अब इस सब का एक करोड़ रुपए का भुगतान भी सवालों के घेरे में आ गया है। ज्ञात हो कि सीपीए फॉरेस्ट (राजधानी परियोजना प्रशासन) की ओर से जंबूरी मैदान, भेल, रचना नगर, गौतम नगर, अन्ना नगर और हबीबगंज में खाली जमीन पर पौधारोपण के लिए जेसीबी से गड्ढे करवाए गए और पोल खड़े करके फेंसिंग करवाई गई। ग़ड्ढों में भरने के लिए काली मिट्टी, रेत, गोबर की खाद आदि की खरीदी की गई।

कैसे होगी नुकसान की भरपाई

सूत्रों के अनुसार 50 हजार पौधारोपण होना था, जिसके लिए प्रति प्लांट 1500 रुपए का बजट खर्च होना था। बावजूद साढे सात करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को सेंक्शन नहीं कराया गया था। इसी बीच प्रोजेक्ट रुकने से अभी तक जितना भी काम और खरीदी हो चुकी है, उसके बदले में करीब एक करोड़ का भुगतान सवालों के घेरे में आ गया है। गड्ढे करवाने के बदले प्राइवेट जेसीबी आपरेटर के अलावा मिट्टी, रेत, खाद और फेंसिंग आदि का भुगतान किस मद से और किसके आदेश से होगा, इस पर निगाहें लगी हैं।