ऑडियो बुक्स से बढ़ रहा लेखकों का दायरा वहीं पाठकों के पास समरी सुनने का मौका

ऑडियो बुक्स से बढ़ रहा लेखकों का दायरा वहीं पाठकों के पास समरी सुनने का मौका

किताबें पढ़ने के साथ ही अब उन्हें सुनने के तरफ भी पाठकों का रूझान बढ़ रहा है। एक ऐप डाउनलोड करके हजारों किताबें पढ़ी जा सकती हैं। अब मोबाइल के भीतर ही लाइब्रेरी बन जाती है। ऑडियो बुक्स के अलावा अब पॉडकास्ट कैटेगरी भी आ गई हैं जिसमें खुद राइटर से किताब लिखने की कहानी तो कभी उनके अनुभव सुने जा सकते हैं। यदि पूरी किताब पढ़ना नहीं चाहते तो उसका सारांश भी सुन या पढ़ सकते हैं। भोपाल के लेखकों की किताबें भी अब ऑडियो बुक ऐप पर सुनी जा सकती हैं। इन लेखकों का कहना है कि एक किताब की अलग- अलग नज्मों या कहानियों को अलग- अलग वॉइस ओवर आर्टिस्ट पढ़कर रिकॉर्ड करते हैं जिससे उसका दायरा बढ़ जाता है क्योंकि जिनकी आवाज में किताब रिकॉर्ड होती है, वे भी प्रचार का माध्यम बन जाते हैं। नेशनल बुक लवर्स डे पर पाठकों व लेखकों का कहना है कि अब कार ड्राइव करते हुए गीत ही नहीं बल्कि कार मोड पर किताबें भी सुन पाते हैं। इन ऐप्स पर ऑडियो बुक्स सुनने वालों की संख्या करोड़ो तक पहुंच चुकी है जो कि कई भारतीय भाषाओं में ऑडियो बुक्स उपलब्ध करा रहीं हैं। इन ऐप्स पर 20 से 30 हजार तक किताबें उपलब्ध रहती हैं, जिसमें हर जोनर की रीडिंग को शामिल किया गया है।

सेल्फ हेल्प बुक्स की समरी सुनना पसंद

बुक पब्लिशर दीपाली गुप्ता कहती हैं, कहानी, किस्सों की समरी सुनने में आनंद नहीं आता क्योंकि वो तो पूरी सुनकर ही महसूस की जा सकती हैं लेकिन सेल्फ हेल्प बुक्स की समरी लोग सुनना पसंद कर रहे हैं क्योंकि वे मुख्य बातों को पेश करती हैं। दूसरा ऑडियो बुक्स को डाउनलोड करने के बाद ऑफलाइन भी सुना जा सकता है। इसके चार्जेस की बात करें तो 12 रुपए प्रतिदिन के चार्ज से लेकर 899 सालाना के सब्सक्रिप्सशन पर इन्हें लिया जा सकता है। इन ऐप को करोडों पाठक डाउनलोड कर चुके हैं और हम भी किताबों को रिकॉर्ड करा रहे हैं।

रात में स्लीपर टाइम लगाकर सुनता हूं कहानी

मैंने हाल में देवदत्त पटनायक की मेरी गीता बुक सुनी जो कि 7 घंटे 39 मिनट में की रिकॉर्डिंग में थी। मैंने सोचा कि जब घंटों की वेबसीरीज देख सकते हैं तो क्यों न सोते समय गीता सुनकर सोया जाए। ऐप पर स्लीपर टाइम सेट देता हूं और फिर मेरी नींद लगने तक ऑडिओ अपने आप बंद हो जाता है। इससे नींद भी अच्छी आने लगी। इसके अलावा प्रतिलिपि के जरिए भारतीय लेखकों की लिखी कहानियां व पॉडकास्ट सुनता हूं। -सन्नी शर्मा, बैंककर्मी

मेरी बुक शहीद-ए-आजम भगत सिंह ऑडियो ऐप पर

मेरी किताब शहीद-ए-आजम भगत सिंह ऑडियो ऐप पर उपलब्ध है। इससे हमें अपन पाठकों की प्रतिक्रिया भी तुरंत मिल जाती है। जल्दी ही मेरी नज्मों की किताब आ रही है, जिसमें किताब को 7 अलग- अलग वॉइस ओवर ऑर्टिस्ट पढ़ेंगे जिससे किताब की रिच भी बढ़ेगी। -डॉ. सुधीर आजाद, लेखक व फिल्मकार

जरूरी यह है कि किसी भी तरीके से किताबों से जुड़ा जाए

बुक्स पढ़ने का दौर वापस आया है क्योंकि पाठक अब अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर किताबों को पढ़ भी रहे हैं और सुन भी रहे हैं। जब उन्हें लगता है कि किताब दिल को छू गई तो वे किताब को अपने हाथों में थामकर पढ़ना पसंद करते हैं। किताबें पढ़ी जाए या सुनी जाए, अहम यह है कि लोग किताबों से जुड़ रहे हैं। -डॉ. साधना बलवटे, राष्ट्रीय मंत्री, अभासप