15 अवैध पिस्टल, 13 मैगजीन सहित सात तस्कर गिरफ्तार

15 अवैध पिस्टल, 13 मैगजीन सहित सात तस्कर गिरफ्तार

ग्वालियर।धार-झाबुआ से सस्ते में पिस्टल खरीदकर ग्वालियर में खपाने वाले सात तस्करों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 15 पिस्टल, 13 मैगजीन बरामद की हैं। 200 ग्राम ब्राउन सुगर भी पकड़ी है। पुलिस ने सातों बदमाशों से पूछताछ शुरू कर दी है। हथियारों की आवक को उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, हालांकि कोई भी पुलिस अधिकारी मुुंह नहीं खोल रहा। एसपी अमित सांघी को मुखबिर के जरिए सूचना प्राप्त हुई कि कुछ तस्कर बड़ी मात्रा में हथियारों और अवैध मादक पदार्थ की खेप ग्वालियर में खपाने की फिराक में शिवपुरी-पनिहार रोड पर आने वाले हैं। इस पर एसपी द्वारा क्राइम डीएसपी रत्नेश सिंह तोमर को इन तस्करों को दबोचने की टास्क दी, जिसके परिपालन में श्री तोमर ने दो टीमें गठित कर बताए गए स्थान पर पहुंचाकर चेकिंग शुरू करवाई। इसी दौरान वहां आ रही एक्सयूवी-500 कार क्रमांक एमपी07-सीजी-8206 के चालक ने चेकिंग को देखकर गाड़ी घुमाकर वापस भागने की कोशिश की, जिसे क्राइम ब्रांच की टीमों द्वारा घेराबंदी कर पकड़ लिया गया। कार में सवार सात लोगों की तलाशी ली गई, तो उनके पास से करीब 20 लाख रुपए कीमत की 200 ग्राम ब्राउन शुगर, कुल 15 पिस्टल, 13 मैग्जीन व पांच राउंड बरामद हुए, जिससे सभी बदमाशों को गिरफ्तार कर थाने लाया गया। यहां पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह धार-झाबुआ से सस्ते में पिस्टल लाकर यहां तथा ग्रामीण इलाकों में 20-25 हजार रुपए में बेचते थे। क्राइम ब्रांच द्वारा सभी तस्करों के विरूद्ध एनडीपीएस एवं आर्म्स एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध कर उनसे सख्ती से पूछताछ की जा रही है। यह बदमाश हुए गिरफ्तार क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा की गई कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए बदमाशों में विक्रम पुत्र दीवान सिंह राणा निवासी ग्राम बिजौली, राहुल पुत्र रविंद्र सिंह राजावत निवासी कांचमील, बंटी पुत्र तेलपाल सिंह लोधी निवासी जलालपुर, पुष्पेंद्र उर्फ पुस्सू पुत्र गोपेंद्र सिंह भदौरिया निवासी बाबा कपूर की दरगाह, अमन सिंह पुत्र देवेंद्र परमार निवासी राधेश्याम स्कूल के पास, किला गेट, करण उर्फ कुन्नू पुत्र धीरेंद्र सिंह राणा निवासी काल्पी ब्रिज, सिद्धेश्वर नगर तथा शरद पुत्र सुनील झा निवासी काल्पी ब्रिज, सिद्धेश्वर नगर शामिल हैं।

एसपी द्वारा दी गई टास्क कर गई काम

एसपी द्वारा क्राइम ब्रांच को टास्क दी गई है, कि जेल से छूटकर आए पुराने बदमाशों पर नजर रखी जाए, इस पर अमल करने से ही उक्त तस्करों का गैंग बर्स्ट हो सका है, क्योंकि विक्रम राणा व राहुल राजावत कुछ समय पूर्व ही जेल से छूटकर आए हैं, जो इन हथियारों से किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते थे, हालांकि उनसे बरामद हथियारों को उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, जिनसे चुनावी समय में माहौल बिगाड़ने का काम किया जा सकता था, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से बदमाश अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके।