अतिवृष्टि से धान,गन्ना,सोयाबीन सहित कुछ फसले 40 -50 प्रतिशत हुई नष्ट किसानों ने सर्वे न कराने का लगाया आरोप, नहीं मिल रही बीमा राशि,फसलों की कराई जुताई

अतिवृष्टि से धान,गन्ना,सोयाबीन सहित कुछ फसले 40 -50 प्रतिशत हुई नष्ट किसानों ने सर्वे न कराने का लगाया आरोप, नहीं मिल रही बीमा राशि,फसलों की कराई जुताई

जबलपुर। संभाग में इस वर्ष खरीफ की फसलों की बुआई बम्पर हुई थी। किसानों को बारिश की भी अच्छी आस थी,और उम्मीद मुताबिक बारिश भी अधिक हो गई। जिससे प्रदेश ही नहीं विध्य सहित जबलपुर संभाग के भी कई जिलों की धान,दलहन की फसलों को नुकसान हुआ है। संभााग में सबसे ज्यादा नुकसान छिदवाड़ा,सिवनी और मंडला में होना बताया जा रहा है। वहीं जबलपुर में सोयाबीन,उड़द मूंग की फसलों में भी 20 फीसदी का नुकसान अतिवृष्टि से हुआ है। लेकिन किसानों की फसल का सर्वे नहीं कराया गया है। जिससे उनमें रोष व्याप्त है। संभाग में कुछ जिलों धान,मक्का,गन्ना,सोयाबीन सहित अन्य की फसले 40 से 50 प्रतिशत तक खराब हुई है।
गौरतलब है कि पाटन, शहपुरा और चरगवां,बरगी, मझौली, सिहोरा, कुंडम सहित अल्य क्षेत्रों के दर्जनों किसानों ने सोयाबीन, उड़द व अन्य फसले बर्बाद हुई है,जिससे खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर व हल चला दिया। दरअसल यह सब उन्होंने असंतोष व आक्रोश के कारण किया। इन किसानों का आरोप है कि किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर खोले गए खातों से बैंकिंग संस्थान फसल बीमा राशि काट लेती हैं। सैकड़ों किसानों के साथ ऐसा ही हुआ, लेकिन बीमा के बदले मुआवजा आज तक नहीं मिला। किसानों का आरोप है कि निजी बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है।