वीजा आवेदनों की संख्या इस वर्ष महामारी के पहले के स्तर को भी पार कर सकती है

वीजा आवेदनों की संख्या इस वर्ष महामारी के पहले के स्तर को भी पार कर सकती है

नई दिल्ली। विभिन्न देशों के लिए वीजा के आवेदनों को प्राप्त करने और उनकी प्रोसेसिंग जैसी सेवाएं करने वाली वैश्विक कंपनी वीएफएस.ग्लोबल का अनुमान है कि नई दिल्ली से वीजा आवेदनों की संख्या वर्ष 2023 में कोविड19 महामारी शुरू होने के पहले के स्तर को पार कर जाएगी। वीएफएस.ग्लोबल सविर्सेज प्राइवेट लि के दक्षिण एशिया कारोबार के प्रमुख विशाल जयरथ ने गुरुवार को यहां कहा कि करीब दो साल बाद विभिन्न देशों की सीमाएं खुलने और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बेहतर प्रबंध के बाद नई दिल्ली से वीजा आवेदनों की संख्या 2021 की तुलना में 2022 में लगभग दोगुना रही। भारत में 300 से अधिक कर्मचारियों और दिल्ली सहित 19 शहरों में स्थापित अपने केंद्रों के साथ काम कर रहे जयरथ ने कहा कि वर्तमान रुझानों को देखते हुए इस समय कहा जा सकता है कि वीजा आवेदन का स्तर इस वर्ष कोविड से पहले (2019) के स्तर से ऊपर निकल जाएगा। उन्होंने बताया कि 2022 में नई दिल्ली से वीजा आवेदन का प्रमाण 2019 के पूर्व-महामारी स्तरों के 80 प्रतिशत के करीब पहुंच गया और यदि इसकी तुलना 2021 से करें तो पिछले साल आवेदनों में एक साल पहले से 93 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई गई है। जयरथ ने कहा कि 2021 में कई देशों की सीमाएं बंद थी। जयरथ ने बताया कि इस समय भारत से स्विट्जरलैंड, स्वीडेन, नार्वे, डेनमार्क और ब्रिटेन जैसे देशों के लिए वीजा आवेदनों की आवक बढ़ी है। यूरोप तथा जार्जिया तथा लात्विया जैसे पूर्व सोवियत संघ से अलग हुए गणराज्यों के लिए भारत से विद्यार्थी वीजा की मांग बढ़ी है। जयरथ ने कहा कि वीएफएस द्वारा वीजा के लिए आवेदन घर से उठाने और आवेदक की बायोेमेट्रिक जांच की सुविधा वाली वीजा एट यूअर डोरस्टेप जैसी सेवाओं में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है।

सी-डॉट के पास है 700 करोड़ रुपए का कोष

भारत सरकार के दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास केंद्र सेंटर फॉर डेवलपमेंट आॅफ टेलिमेटिक्स (सी-डॉट) के पास स्टार्टअप के वित्तपोषण के लिए 700 करोड़ रुपए से अधिक का कोष है और सरकार ने नवाचार के लिए कोष का इस्तेमाल करने की कोई सीमा नहीं रखी है। सी-डॉट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजकुमार उपाध्याय ने क्षेत्रीय नवाचार मंच से इतर कहा,मंच पर पड़ोसी देशों के प्रतिनिधियों ने भारत के साथ प्रौद्योगिकी नवोन्मेष में दिलचस्पी दिखाई है। इससे स्वदेशी नवाचार का विस्तार देश की सीमा से पार जा सकेगा। उपाध्याय ने कहा,नवोन्मेष को वित्तपोषित करने के लिए सरकार की विभिन्न योजनाएं हैं। कुछ योजनाएं सी-डॉट के जरिये उपलब्ध हैं और स्टार्टअप के वित्तपोषण के लिए हमारे पास 700 करोड़ रुपए से अधिक का कोष है।