मोटर न्यूरॉन डिसीज की चेतावनी- 14 साल पहले देगा स्टूल टेस्ट

मोटर न्यूरॉन डिसीज की चेतावनी- 14 साल पहले देगा स्टूल टेस्ट

लंदन। वैज्ञानिकों का कहना है कि मरीज पर हावी होने से 14 साल पहले ही मोटर न्यूरॉन डिसीज का पता लगाया जा सकता है। इंग्लैंड की अबरदीन यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों का मानना है कि किसी व्यक्ति के स्टूल सेंपल को देखकर ही यह बताया जा सकता है कि उसे यह न्यूरोडिजनरेटिव बीमारी कब तक घेर लेगी। इस बीमारी में शरीर की मांसपेशियां शिथिल पड़ जाती हैं व्यक्ति की जबान लड़खड़ाने लगती है तथा उसका वजन कम हो जाता है। इंग्लैंड के आक्सफोर्ड में जन्मे विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग जब 21 साल के तभी वो इस बीमारी के शिकार हो गए थे और इस बीमारी की वजह से व्हीलचेयर पर आ गए थे।

असामान्य प्रोटीन के कारण होती है यह बीमारी

माना जाता है कि यह बीमारी प्रोटीनों के असामान्य गुच्छों के कारण होती है। मरीज के पीड़ित होने से काफी पहले यह असामान्य प्रोटीन उसके पेट में मौजूद होते हैं। यह नतीजे 40 से 85 वर्ष आयु समूह के 13 मरीजों के अध्ययन के बाद सामने आए हैं। ये सभी वे मरीज थे जिनकी किसी अन्य रोग की जांच के लिए बॉयोप्सी ली गई थी।

लकवाग्रस्त होकर मौत के शिकार हो जाते हैं मरीज

इस बीमारी में शरीर की नसें एवं ब्रेन के सेल्स तेजी से खराब होने लगते हैं, जिसके कारण कमजोरी एवं मांसपेशियों में शिथिलता की समस्या होने लगती है। इस रोग से पीड़ित मरीज को चलने, बोलने, अपने हाथों का इस्तेमाल करने, खाने और यहां तक की सांस लेने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आगे चलकर इससे मरीज लकवाग्रस्त और अंतत: मौत का शिकार हो जाता है। हालांकि बीमारी से पीड़ित कुछ लोग लंबे समय तक जीवित भी रहते हैं।

किसी भी उम्र में हो सकती है मोटर न्यूरॉन बीमारी

यह एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति को पूरी तरह से अपाहिज कर देती है। इसमें दिमाग की नसें और रीढ़ की हड्डी की नसें पूरी तरह से काम करना बंद कर देती हैं।

इसके कारण व्यक्ति पूरी तरह से उठने-चलने में नाकाम होता है।

मोटर न्यूरॉन बीमारी किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। हालांकि ज्यादातर मामले 40 साल की उम्र से ज्यादा के लोगों में देखे जाते हैं। आंकड़ों की बात करें तो पुरुष इस बीमारी से ज्यादा ग्रस्त हैं।