पं.बंगाल के संथाल समुदाय की महिलाएं पहनती हैं सात चेनों से बनी ‘कामोर बिच्छे’

पं.बंगाल के संथाल समुदाय की महिलाएं पहनती हैं सात चेनों से बनी ‘कामोर बिच्छे’

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय द्वारा सप्ताह के प्रादर्श में कामोर-बिच्छे यानी संथाल महिलाओं का कमर आभूषण प्रस्तु किया गया है। बीरभूम, पश्चिम बंगाल के संथाल समुदाय से इसे 2008 में संकलित किया गया है। संग्रहालय के निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि पश्चिम बंगाल में सोने और चांदी के आभूषणों पर अत्यंत बारीक काम होता है, जबकि आदिवासी समुदायों में पीतल, तांबे और जस्ता मिश्र धातु का उपयोग प्रचलित है। पैर के अंगूठे से लेकर शीर्ष तक शरीर के हर अंग के लिए आभूषण बनाए जाते हैं। वर्तमान प्रादर्श एक ऐसा आभूषण है जिसका उपयोग कमर को सजाने के लिए किया जाता है। नामक इस कमर आभूषण का उपयोग संथाल महिलाओं द्वारा किया जाता है। यह सफेद धातु की सात चेनों से बनी है। सभी चेनों को एक स्थिति में रखने के लिए एक निश्चित अंतराल पर पांच क्लिपों की मदद से जोड़ा गया है। इस आभूषण के दोनों सिरे एक छोटे से कब्जे के माध्यम से जुड़े हुए हैं। इस कब्जे में चेन के 3 गुच्छे जैसी लटकनें हैं। त्योहारों और समारोहों के दौरान महिलाओं द्वारा इसे पहना जाता है।