मयंक श्रीवास्तव के गीत भाव विचार को लेकर आगे चले हैं: डॉ. कृष्ण गोपाल मिश्र

मयंक श्रीवास्तव के गीत भाव विचार को लेकर आगे चले हैं: डॉ. कृष्ण गोपाल मिश्र

मूर्धन्य गीतकार मयंक श्रीवास्तव के यशस्वी जीवन के 80 वर्ष पूर्ण होने पर भोपाल की समस्त साहित्यिक संस्थाओं द्वारा शतायु कामना महोत्सव एवं अभिनन्दन समारोह आयोजित किया गया। दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय में श्री विभगुंज वेलफेयर सोसायटी द्वारा मयंक श्रीवास्तव के 81वें जन्मदिवस पर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केन्द्रित स्मारिका आकाशदीप का विमोचन भी हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता गीतकार यतीन्द्र नाथ राही ने की। मुख्य अतिथि के रूप में रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे और नर्मदापुरम (मप्र) के डॉ. कृष्ण गोपाल मिश्र रहे। श्री चौबे ने कहा कि मयंक जी के गीतों को पढ़ते समय रोशनी फैलती है। डॉ. रामसनेही लाल यायावर ने कहा कि मयंकजी के गीत समाज को प्रकाशकीय करते हैं। समीक्षक डॉ. कृष्ण गोपाल मिश्र ने श्री मयंक की गीत यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा उनके गीत भाव विचार को लेकर आगे चले हैं। राम वल्लभ आचार्य ने कहा कि मयंकजी को भोपाल को गीतों का शहर बनाने का श्रेय जाता है। डॉ. प्रीति प्रवीण खरे, अशोक निर्मलव विमल भंडारी कार्यक्रम में मौजूद रहे।