कोरोना काल से बच्चों की शिक्षा के लिए कर रहे काम, 350 को लिया गोद

कोरोना काल से बच्चों की शिक्षा के लिए कर रहे काम, 350 को लिया गोद

जबलपुर। कोरोना काल में कई समाजसेवी सामने आए, जिन्होंने आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को खाना, कपड़े और आर्थिक सहायता देकर उनकी मदद की। लेकिन ऐसे बहुत कम लोग है, जिन्होंने यह सिलसिला लगातार जारी रखा और समाजसेवा को अपना कर्तव्य मानकर लगातार बच्चों के भविष्य उज्जवल करने के लिए प्रयासरत है। हम बात कर रहे है घमापुर बाई का बगीचा निवासी ऋचा और उनके पति शेखर पैगवार की। जो लगातार समाजसेवा कर रहे है और लगभग एक साल में उन्होंने साढ़े तीन सौ से अधिक बच्चों की जिम्मेदारी ली है, बच्चों की शिक्षा अच्छी हो इसके लिए वह अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे है।

घमापुर बाई का बगीचा निवासी ऋचा और उनके पति शेखर ने बताया कि कोराना काल में ऐसे बच्चे जो आर्थिक रुप से कमजोर है उनकी सहायता करना शुरू किया था। इसके बाद सन् 2022 में उन्होंने एक संस्था के रुप में काम करना शुरू कर दिया, जिसका नाम श्रेष्ठ उपहार फाउंडेशन रखा है। इस फाउंडेशन में ऋचा के पिता सागर निवासी रमेश कुमार सैनी और उनकी सहेली उदयपुर राजस्थान निवासी निधि भी उनका सहयोग करती है। जबकि ऋचा के पति एमपीईबी में असिस्टेंट इंजीनियर है। वह बच्चों की जरुरतों के हिसाब से रुपए एकत्रित करते है और उनको जरुरत के सामान उपलब्ध कराते है, ताकि बच्चों को शिक्षा के लिए परेशान नहीं होना पड़े।

अब तक 350 बच्चों को लिया गोद

ऋचा और उनके पति शेखर के मुताबिक अब तक आर्थिक रुप से कमजोर लगभग 350 से अधिक बच्चों की जिम्मेदारी ली है। एक प्रकार से उनको गोद ही ले लिया है, जिनकी शिक्षा की जिम्मेदारी उनपर है। इसमें उन बच्चों को बैग, कॉपी, किताबें, जूते, मौजे उपलब्ध कराते है। इसके अलावा इनमें से कुछ बच्चों के परिजन स्कूल की फीस नहीं जमा कर पाते उनकी फीस भी वह देते है।

आगे और बढ़ाने का संकल्प

यह सिलसिला लगातार जारी है वह ऐसे बच्चों का चयन करते रहते है, जो आर्थिक परेशानी के कारण अच्छी शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे है उनकी भी वह जिम्मेदारी लेने के लिए लगातार प्रयास करते रहते है। उनके इस कार्य को देखते हुए कुछ समाजसेवी भी उनके साथ जुड़ रहे है, जो एक या दो बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी ले रहे है।