हिंदी एक सरल, समृद्ध व लोकप्रिय भाषा, यह हिंदी प्रेमियों को एकता के सूत्र में बांधती है : महाप्रबंधक

हिंदी एक सरल, समृद्ध  व लोकप्रिय भाषा, यह हिंदी प्रेमियों को एकता के सूत्र में बांधती है : महाप्रबंधक

जबलपुर ।  हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर 1949 को मिला और संविधान के भाग-17 में इससे संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए। इसी ऐतिहासिक महत्व के कारण 1953 से राष्ट्रभाषा प्रचार-प्रसार समिति द्वारा प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। लेकिन अभी भी इसे राष्ट्रभाषा घोषित नहीं किया गया है। शहर में भी विभिन्न संस्थाओं द्वारा हिंदी दिवस पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। हिंदी एक सरल, समृद्ध एवं लोकप्रिय भाषा है। व्यवसायिक गुणों से संपन्न होने के कारण इसका प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है और यह भारतवासियों और विश्वभर में फैले अन्य हिंदी प्रेमियों को एकता के सूत्र में बांधती है। उक्तारशय के विचार शैलेन्द्र कुमार सिंह, महाप्रबंधक, पश्चिम मध्य रेलवे ने हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में व्यक्त किए। अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि 14 सितंबर का दिन हमें राजभाषा हिंदी के गौरव और सम्मान का स्मरण कराता है।

रादुविवि में हिन्दी दिवस पर हुए आॅनलाईन कार्यक्रम

पराधीनता किसी भी रूप में हो वह विकास को अवरुद्ध कर देती है। वह चाहे संविधान के रूप में हो या भाषा के रूप में। भारतवर्ष में भाषा की पराधीनता की बेड़ी को हमारी मातृभाषा हिन्दी ही काट पाई है। ये विचार कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र ने सोमवार को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में आयोजित हिन्दी दिवस पर आॅनलाईन कार्यक्रम में अध्यक्षीय आसंदी से व्यक्त किए। इस अवसर पर डॉ. सीमा दीक्षित, डॉ. विपुला सिंह, डॉ. बिहारी लाल द्विवेदी, डॉ. बालस्वरूप द्विवेदी, डॉ. मीनल दुबे, डॉ. अजय मिश्र, डॉ. अजय शुक्ल, राखी चतुवेर्दी, लक्ष्मी द्विवेदी, विजय बहादुर, शुभम और बड़ी संख्या में विभाग के शोधार्थी शामिल रहे।

महाकौशल महाविद्यालय में छात्रों ने ली शपथ

आज शासकीय महाकोशल महाविद्यालय में हिंदी दिवस के अवसर पर बीए तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रोफेसर अरुण शुक्ल ने कहा कि 14 सितंबर 1949 को हिंदी राजभाषा घोषित की गई, किन्तु यह दूर्भाग्यपूर्ण है कि आज तक हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त नहीं हो सका। आज वैश्विकरण के युग में हिंदी देश की नहीं बल्कि विश्व की आवष्यकता बन उभरी है, हमें हिंदी बोलने में हिचक नहीं होनी चाहिए। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने हिंदी में हस्ताक्षर एवं अधिकाधिक हिंदी बोलने की शपथ ली। इस अवसर पर डॉ. ए.सी. तिवारी, डॉ.राजेश श्याम कुंवर उपस्थित रहे।

विद्युत परिवार ने आयोजित किया हिंदी महोत्सव

मध्यप्रदेश विद्युत परिवार हिन्दी समिति के तत्वावधान में सोमवार को हिंदी महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के अतिरिक्त महाप्रबंधक व्हीके साहू, हिन्दी परिषद के उपाध्यक्ष राकेश पाठक, मुख्य अभियंता सिविल विवेक रंजन श्रीवास्तव, उप महाप्रबंधक आलोक श्रीवास्तव, हिन्दी परिषद के महासचिव राजेश पाठक, मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के संयुक्त सचिव एचडी अपाध्याय, महेश तख्तानी, मिलिंद चौधरी, जयवंत खारपाटे, एनबी क्षत्री सहित पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी, पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। इस मौके पर मुख्य अभियंता सिविल विवेक रंजन श्रीवास्तव, राकेश पाठक ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन हिंदी समिति के महासचिव राजेश पाठक ने एवं आभार विवेक रंजन श्रीवास्तव ने व्यक्त किया।