अपडेट खबर -कड़ी चैकिंग के बीच शहर में 10 हजार छात्रों ने दिया नीट एग्जाम, छात्रों ने सोशल मीडिया पर लिख, व्यवस्थाओं से जताई असहमति 

अपडेट खबर -कड़ी चैकिंग के बीच शहर में 10 हजार छात्रों ने दिया नीट एग्जाम, छात्रों ने सोशल मीडिया पर लिख, व्यवस्थाओं से जताई असहमति 

भोपाल।  किसी का बेल्ट उतरवाया तो किसी की जैकेट, किसी की मेटल डिटेक्टर से चैकिंग हुई तो किसी पेन पैंसिल रखवा लिए गए, कुछ इस तरह का नजारा रविवार को राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (नीट) -2020 में शहर के 26 परीक्षा केंद्रों पर देखने को मिला, जहां कड़ी चैकिंग के बीच एग्जाम शुरु हुआ। दूसरी तरफ कोविड संक्रमण को लेकर भी स्टूडेंट्स को गाइडलाइन फॉलो कराई गई। जिसके अंतर्गत हर स्टूडेंट को बिना मास्क के एंट्री नहीं दी गई वहीं सेनेटाइजन आदि की भी व्यवस्था सभी सेंटर्स पर दिखाई दी। बता दें कि इस परीक्षा में भोपाल से 8,000 एवं अन्य जिलों से करीब 2,000 छात्रों ने अप्लाई किया था जिसमें से 8 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने यह परीक्षा दी। 

सोशल मीडिया पर छात्रों ने व्यवस्थाओं पर साधा निशाना
-कई सेंटर्स पर करीब 3 घंटे पहले छात्रों को सेंटर्स पर बुलाया गया जिसके चलते छात्रों को तीन घंटे से अधिक का समय भी फुटपाथ पर बिताना पड़ा। 
-किसी भी सेंटर पर अभिभवकों के लिए किसी तरह की व्यवस्था नजर नहीं आई। अभिभावकों को 6 घंटे से अधिक समय के लिए तक धूप में सड़कों पर समय काटना पड़ा। 
-बाहर से आने वाले छात्रों को आई सबसे अधिक दिक्कत, सुबह नाश्ते से लेकर फ्रेश होने तक के लिए नहीं मिली कहीं जगह। 
-देर रात छात्रों ने सोशल मीडिया पर विरोध दर्ज करते हुए लिखा कि 40 बसें बैतूल से आ र्गइं मगर आईएसबीटी पर ना तो टायलेट हैं और ना ही गर्ल्स के लिए कोई अलग से व्यसथा। 

-सुबह दो ट्रेनों से पहुंचे कुल 20 छात्र 
नीट एग्जाम के लिए करीब नीमच एवं अनूपपुर से दो स्पेशल ट्रेने चलाई र्गइं। जिसमें नीमच से आने वाली ट्रेन रविवार सुबह करीब 4:30 पर भोपाल पहुंची। जिसमें से एक भी छात्र नहीं पहुंचा, वहीं रेलवे स्टाफ की मानें तो इस ट्रेन में 5 छात्र भोपाल पर उतरे, वहीं अनूपपुर से आने वाली ट्रेन में करीब 15 छात्र भोपाल स्टेशन पर उतरे, बता दें कि इन टेÑनों नीमच एवं अनुपपुर स्पेशल में क्रमश: 27 एवं 270 स्टूडेंट्स को भोपाल आना था। छात्रों की मानें तो ट्रेनों के बारे में हमें सिर्फ एक दिन पहले पता चला था इसलिए कई छात्रों ने बुकिंग पहले से ही कर ली थी। जिसकी वजह से ट्रेन की बजाय कई छात्र अपने पर्सनल व्हीकल से भोपाल पहुंचे। 

एक नजर 
-दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक है। इसके लिए छात्रों को समय से 11.20 बजे तक सेंटर पर रिपोर्ट करना पड़ा। 
-छात्रों को उनके प्रवेश कार्ड पर रिपोर्टिंग टाइम दिया गया था। 
-सभी छात्रों के पेन रखवा लिए गए, वहीं कई छात्र जो अकेले आए थे उनको अपना बैग व पैसे आदि रखने वाले वॉलेट के लिए परेशान होना पड़ा। 
-कुल 26 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। टाइम 90-90 के ग्रुप में बुलाया गया है।

भोपाल के अलावा इन जिलों के लिए बनाए गए सेंटर्स 
सतना, होशंगाबाद, हरदा, दमोह, टीकमगढ़, रायसेन, अशोकनगर, सिंगरौली, रीवा, सीधी, छतरपुर, विदिशा, बालाघाट, राजगढ़, गुना, सीहोर, शाजापुर और आगर मालवा। 

कोविड गाइडलाइन को पूरी तरह से फॉलो कराया गया। पेपर खत्म होने के बाद करीब 1 घंटा बाहर आने में इसलिए लग गया कि वहां जाने के लिए भी पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो कराया गया। 
नमरा पटवारी, स्टूडेंट, भोपाल

पेपर टफ्फ तो नहीं था मगर इसे एवरेज कह सकते हैं इसमें सबसे टफ्फ फिजिक्स का पेपर रहा। इसी के साथ हम लोगों से कोविड संक्रमण को लेकर सभी नियम फॉलो कराए गए। 
श्रीशा सिंह, स्टूडेंट 

मैं अनूपपुर से ट्रेन से आया हूं मेरे कुछ साथी सिर्फ इसलिए ट्रेन से नहीं आए कि उन्होंने पहले ही गाड़ी बुक कर ली थी। हमें ट्रेन के बारे में एक दिन पहले पता चला था। 
अजय, स्टूडेंट अनूपपुर