गड्ढे और सीवेज के गंदे पानी से सेनिटाइज हो रहीं 108 एंबुलेंस

गड्ढे और सीवेज के गंदे पानी से सेनिटाइज हो रहीं 108 एंबुलेंस

जबलपुर । मप्र में इन दिनों मरीजों को अस्पताल छोड़ने के लिए उपयोग में आने वाली 108 एंबुलेंस की सफाई बीते कई दिनों से गड्ढे और सीवेज के गंदे पानी से की जा रही है। जो मरीजों के अलावा कर्मचारियों की जान से खेलने जैसा खिलवाड़ किया जा रहा है। कोरोना महामारी पूरे देश में तेजी से पैर पसार रही है। लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ विभाग के अधिकारी अपना गैर जिम्मेदाराना रवैया ठीक नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा 108 एंबुलेंस में चालक और डॉक्टर को न ही पीपीई किट दी जा रही है और न ही सेनेटाइजर। आपको बता दें कि प्रदेश में कुल 606 एंबुलेंस संचालित हो रही है। जिसमें जबलपुर में कुल 18 एंबुलेंस काम कर रही है, जिसमें से 4 एंबुलेंस कोविड मरीजों को अस्पताल छोड़ने के लिए उपयोग की जा रही है। एंबुलेंस सेनेटाइज नहीं होने से न सिर्फ प्रदेश की जनता की जान जोखिम में पड़ रही है, बल्कि कोरोना बीमारी को फैलने के लिए स्वास्थ विभाग रास्ता भी साफ कर रहा है।

कोविड-19 में स्वच्छता के लिए बनाए गए नियम

स्वास्थ विभाग द्वारा कोविड-19 को केंद्र में रखते हुए कुछ स्वच्छता संबंधी नियम बनाए गए हैं। जिसके अंतर्गत प्रत्येक मरीज को अस्पताल छोड़ने के बाद एंबुलेंस को सेनेटाइज किया जाना तय है। सेनेटाइजर में 1 से 2 प्रतिशत हाईपोक्लोराईड का होना आवश्यक है। इसके अलावा मरीज जिस सीट पर लेटा है उसे व उसके उपयोग में आने वाली हर सामग्री को सेनेटाइज करना। एंबुलेस चालक एवं संबंधित डॉक्टर को पीपीई किट व मास्क अनिवार्य रूप से पहनना और समय-समय पर हाथों को सेनेटाइज करना या हेंड वॉश करना है।