वेटिंग व बाहरी राज्यों के आवेदक नहीं चाहते हो भर्ती मैरिट होल्डर को जल्द पोस्टिंग की दरकार

वेटिंग व बाहरी राज्यों के आवेदक नहीं चाहते हो भर्ती मैरिट होल्डर को जल्द पोस्टिंग की दरकार

जबलपुर । शिक्षक चयन प्रक्रिया शुरु होने से अब तक मप्र में तीन सरकारें बदल गई हैं। लेकिन शिक्षक चयन प्रक्रिया अभी तक पूर्ण नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि जब इस परीक्षा का विज्ञापन जारी किया गया है,तब राज्य में भाजपा की सरकार थी,लेकिन परीक्षा आयोजित किए जाते समय कांग्रेस आ गई और अब जब फाइनल सेलेक्शन होने है,तो फिर से भाजपा सरकार सत्ता में है। तीन बार सरकारे बनने के बाद भी शिक्षा भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई और अब कोरोना के कारण बाहरी राज्यों के आवेदक दस्तोवज सत्यापन नहीं हो पा रहा और पेंच फंस गया है। गौरतलब है कि शिक्षक चयन प्रक्रिया में बाहरी राज्यों के आवेदक,नौकरी के साथ-साथ बीएड करने वाले अतिथि शिक्षक तथा वेटिंग लिस्ट वाले संगठित होकर 30 हजार रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को टालने के लिए विरोध किया था और आवागमन बंद होंने के कारण अभी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी। जिसके कारण फिलहाल 1 जुलाई से 5 जुलाई तक होंने वाले डाक्यूमेंट वैरीफिकेशन की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 50 हजार पद रिक्त हैं। प्रथम चरण में 30 हजार पदों पर नियुक्ति के लिए मैरिट होल्डरों का डाक्युमेंट वेरीफिकेशन इस विवाद के कारण टल गया है।

इतने पद हैं खाली

प्रदेश के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 17 हजार,माध्यमिक स्कूलों में 30 हजार,उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में 38 हजार शिक्षकों के पद खाली है। 30 हजार रिक्त पदों पदों के लिए 7 लाख आवेदकों ने परीक्षा दी थी। 1 जुलाई से 5 जुलाई डॉक्यूमेंटेशन शुरु हुआ, लेकिन चयन प्रक्रिया से वंचित लगभग 20 हजार से अधिक आवेदकों के विरोध के कारण इसे स्थगित कर दिया गया।

उच्चतर माध्यमिक शिक्षक

19000 मैरिट लिस्ट के आवेदक

12000 वेटिंग व बाहरी आवेदक

माध्यमिक शिक्षक

11000 मैरिट लिस्ट के आवेदक

6000 वेटिंग लिस्ट के आवेदक

अगले आदेश तक प्रक्रिया रोक दी गई

बताया जा रहा है कि दस्तावेज सत्यापन के पहले दिन से ही इसमें विरोध शुरु हो गया था। एलाइड विषयों वाले आवेदकों तथा एक ही साल में अतिथि शिक्षकों के साथ बीएड करने वाले आवेदकों को अयोग्य घोषित किए जाने से स्थिति और खराब हो गई। इसी बीच बाहरी राज्यों व वेटिंग व लिस्ट वाले आवेदकों ने लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों को लगातार फोन,मैसेज,पत्र के जरिए बार-बार आवागमन समस्या, कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन सहित अन्य परेशानी बताई तो अफसरों ने अगले आदेश तक प्रक्रिया रोक दी।