प्रदेश की कॉलेज जाने वाली 16.69 फीसदी छात्राएं एनीमिक

प्रदेश की कॉलेज जाने वाली 16.69 फीसदी छात्राएं एनीमिक

जबलपुर। मप्र के कॉलेजों में पढ़ने वाली 16.69 फीसदी छात्राएं एनीमिया बीमारी से ग्रसित हैं। इसका खुलासा मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए दिसंबर 2021 सर्वे में हुआ। नारी स्वस्थ्य प्रदेश अभियान के अंतर्गत होने वाले इस सर्वे में प्रदेश के 26 जिलों में अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं में हीमोग्लोबीन की मात्रा जानने खून के सैंपल लिए गए थे। सर्वे में शामिल 87 हजार छात्राओं में से 16.69 छात्राएं एनीमिया से पीड़ित मिलीं। सर्वे के मुताबिक 26 जिलों के 18 कॉलेजों में पढ़ने वाली 18 से 25 साल की कुल 87,658 छात्राओं के सैंपल कलेक्ट किए गए। इसमें 14,630 छात्राएं एनीमिक व 500 से अधिक छात्राओं की रिपोर्ट सीवियर एनीमिक रही। सिवनी, सतना, रतलाम और छिंदवाड़ा में सबसे अधिक सीवियर एनीमिया के केस सामने आए।

तीन श्रेणियों में है रिपोर्ट

विवि प्रबंधन के मुताबिक विशेषज्ञ चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा प्रदेश के 18 कॉलेजों को चिन्हित किया गया। सर्वे को तीन वर्ग में विभाजित किया गया था। उसमें 10, 7 फीसदी और इससे नीचे हीमोग्लोबीन की कैटेगरी रखी गई। रिपोर्ट के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसमें शामिल करने पर मंथन जारी है।

फास्ट फूड है कारण

सर्वे में शामिल छात्राओं ने बताया कि वे प्रोटीन युक्त खानपान को लेकर जागरूक नहीं हैं। कॉलेज में पढ़ाई करने दूर-दराज से आई छात्राएं खान-पान के लिए अधिकांश फास्ट फूड पसंद करती हैं।

यह एनीमिया के प्रति लोगों में जागरूकता लाने एक प्रयास है। सर्वे रिपोर्ट के बाद सभी कॉलेजों द्वारा हर साल छात्राओं के एचबी जांच कर रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। - डॉ. प्रभात कुमार बुधौलिया, रजिस्ट्रार, एमयू