कैबिनेट बैठक के बाद आज रामलला दर्शन को अयोध्या रवाना होंगे मंत्री

अयोध्या में धर्मशाला और विक्रमादित्य घाट के निर्माण की टटोली जाएगी संभावना

कैबिनेट बैठक के बाद आज रामलला दर्शन को अयोध्या रवाना होंगे मंत्री

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य पत्नियों समेत सोमवार को अयोध्या रवाना होंगे। मंत्रियों को रामलला के दर्शन के लिए विशेष विमान से ले जाया जाएगा। इसके पहले मंत्रालय में कैबिनेट बैठक आयोजित की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार सरयू नदी तट पर मप्र के तीर्थयात्रियों को ठहरने के लिए एक अलग धर्मशाला बनाने पर विचार कर रही है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी उज्जैन में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि अयोध्या में जमीन उपलब्ध कराने पर धर्मशाला और तो सरयू के किनारे विक्रमादित्य घाट का निर्माण किया जाएगा। हालांकि धर्मस्व मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने इस संबंध में जानकारी होने से इनकार किया है। 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। ऐसे में भीड़ के कारण व्यवस्था न बिगड़े, इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपने-अपने क्षेत्रों के मंदिरों में श्रीरामोत्सव मनाने की अपील की थी। अपील के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव सहित कोई भी मंत्रीवि धायक अयोध्या नहीं गए थे। लखनऊ में आयोजित यादव महाकुंभ में सीएम डॉ. मोहन यादव का स्वागत करते यूपी भाजपा के नेता। इधर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को उत्तरप्रदेश दौरे पर थे। यहां वह लखनऊ के गडौरा मैदान में यादव महाकुंभ में शामिल हुए। मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भगवान श्रीकृष्ण जी की प्रतिमा भी भेंट की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यादव समाज किसी भी दायरे में नहीं रह सकता है। यादव की अपनी एक पहचान है।

मेरा यूपी से दोहरा रिश्ता :

सीएम ने कहा कि मेरा आजमगढ़ से अपना नाता है। मेरी ससुराल और पूर्वज यहीं से गए थे। इसलिए मेरा यूपी से दोहरा रिश्ता है। मुझे यहां अपनापन का अहसास होता है।

भगवान श्रीकृष्ण के वंशज :

डॉ. यादव ने कहा कि हम भगवान श्रीकृष्ण के वंशज है। हमें गर्व है कि हम उस वंश से आते है। यह वो समाज है, जो कालिया नाग के सिर पर नृत्य करते हुए भी समाज को शांति का संदेश देता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति में भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण ने मर्यादा के अंदर जीवन जीना सिखाया है। हम सभी को उनके द्वारा स्थापित उच्च आदर्शों का अपने जीवन में पालन करना चाहिए।

मुझ जैसे व्यक्ति को पार्टी ने एक प्रदेश की कमान दी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आपके बीच से निकला हुआ और अभावों के बीच पहचान बनाने वाला एक व्यक्ति को पार्टी ने एक प्रदेश की कमान दी। उन्होंने कहा कि मेरे पिता मुख्यमंत्री नहीं थे। मेरे पिता राजनीति में भी नहीं थे। इसके बाद भी पार्टी ने मुझे राज्यमंत्री का दर्जा दिया। अब पार्टी ने मुझे मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया।