कोविड-19 टीका लगवाने के बाद कसरत करने से बढती हैं एंटीबॉडी
वाशिंगटन। कोविड-19 या किसी फ्लू से बचने के लिए टीकाकरण कराने के बाद 90 मिनट तक हल्की या मध्यम स्तर की कसरत करके शरीर में एंटीबॉडी की मात्रा बढ़ाई जा सकती हैं। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। इस अध्ययन के निष्कर्ष ब्रेन, बिहेवियर एंड इम्युनिटी पत्रिका में प्रकाशित किए गए हैं। अध्ययन में शामिल जिन लोगों ने टीकाकरण कराने के बाद डेढ़ घंटे तक साइकिल चलाई या सैर की, उनमें आगामी चार सप्ताह में उन लोगों की तुलना में अधिक एंटीबॉडी बनीं, जिन्होंने टीकाकरण के बाद किसी प्रकार का व्यायाम नहीं किया था। अमेरिका स्थित आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने भी चूहों और ट्रेडमिल का इस्तेमाल करके इसी प्रकार का प्रयोग किया, जिसका निष्कर्ष भी समान निकला। रिसर्चर्स के अनुसार, व्यायाम करने से रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं के संचार में मदद करता है और जब ये कोशिकाएं शरीर में प्रवाहित होती हैं, तो किसी बाहरी तत्व को बेहतर तरीके से उनके द्वारा पहचान लेने की संभावना अधिक होती है। आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर मरियन कोहुट ने कहा कि इस बात के कई कारण हो सकते हैं कि ऐसा क्यों होता है।
देश में 44 दिन बाद संक्रमण के केस 30 हजार से कम
भारत में मंगलवार को कोरोना संक्रमण के 27,409 नए मामले सामने आए, जिससे संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4,26,92,943 हो गई। देश में करीब 44 दिन के बाद संक्रमण के दैनिक मामले 30 हजार से कम दर्ज किए गए हैं। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 4,23,127 हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मंगलवार सुबह आठ बजे के आंकड़ों के अनुसार, इस महामारी से 347 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 5,09,358 हो गई है। आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 के दैनिक मामले लगातार नौवें दिन एक लाख से कम हैं। उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4,23,127 रह गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 0.99 प्रतिशत है। कोविड से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 97.82 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
एंडेमिक के लिए 4 सप्ताह तक मामलों का कम होना जरूरी
विषाणु वैज्ञानिक टी जैकब जॉन ने कहा है कि भारत में कोविड के डेली केस चार सप्ताह तक कम और स्थिर बने रहने पर ही माना जा सकता है कि संक्रमण एंडेमिक के चरण में प्रवेश कर रहा है। जब मामलों की संख्या को एक ग्राफ पर दिखाया जाता है, तो मामलों की संख्या बढ़ने, चरम पर पहुंचने और उनके कम होने की प्रणाली को महामारी (एपिडेमिक) कहा जाता है।
वायरस के साथ रहने की आदत बनाएं लोग : लहारिया
महामारी विशेषज्ञ और दिल्ली स्थित फाउंडेशन फॉर पीपल-सेंट्रिक हेल्थ सिस्टम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ चंद्रकांत लहरिया ने कहा कि कोविड एंडेमिक चरण में प्रवेश कर रहा है या नहीं, इसकी प्रासंगिकता सीमित है। लहरिया ने कहा, लोगों को जोखिम के स्तर के आधार पर वायरस के साथ ही रहने के नए तरीकों के अनुसार खुद को ढालना होगा।
मुंबई में 95 फीसदी नमूनों में हुई कोरोना के ओमीक्रोन स्वरूप की पुष्टि
मुंबई। मुंबई में जीनोम अनुक्रमण के लिए हाल में एकत्र किए गए नमूनों में से लगभग 95 प्रतिशत नमूनों में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की पुष्टि हुई है। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने यह जानकारी दी। कोरोना के ओमीक्रोन स्वरूप के कारण दिसंबर 2021 के अंत में देश में कोविड महामारी की तीसरी लहर शुरू हो गई थी और अब इसका असर महाराष्ट्र की राजधानी में कम हो रहा है। संक्रमण के नए मामलों में कमी आने के बावजूद बीएमसी ने सोमवार को लोगों से कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। मुंबई में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 192 नए मामले सामने आए थे जो 13 दिसंबर 2021 के बाद सामने आए दैनिक मामलों की सबसे कम संख्या है। बीएमसी ने जीनोम अनुक्रमण के नौंवे दौर के नतीजों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि कुल 190 नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया गया, जिसमें से (94.74 प्रतिशत) 180 नमूनों में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की पुष्टि हुई है। शेष नमूनों में कोरोना के डेल्टा और अन्य स्वरूपों की पुष्टि हुई है। इससे पहले दिसंबर के अंत में 280 नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया गया था, जिसमें से 248 नमूनों में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की पुष्टि हुई है।