आमला से लाए एयरफोर्स के रॉ-मटेरियल का टंगस्टन निकालने में हुआ था ब्लास्ट!

आमला से लाए एयरफोर्स के रॉ-मटेरियल का टंगस्टन निकालने में हुआ था ब्लास्ट!

जबलपुर। गुरुवार को अधारताल थाना क्षेत्र में स्थित खजरी खिरिया बायपास स्थित शमीम कबाड़ी के गोदाम में भयंकर ब्लास्ट हुआ। दिल्ली से एनआईए की टीम ने भी आकर सर्च ऑपरेशन कर सुबूत जुटाए हैं। पीपुल्स समाचार को सूत्रों से जानकारी मिली है कि पूरी घटना आमला से लाए एयरफोर्स के रॉ-मटेरियल का टंगस्टन निकालने के दौरान हुई है। जानकारी ये भी मिली है कि ये एयरफोर्स का रॉ-मटेरियल शमीम कबाड़ी के गोदाम में दो साल पहले लाया गया था। शमीम और उसके साथियों को ये जानकारी भी थी कि रॉ-मटेरियल में टंगस्टन और पीतल है। इसलिए इसे गहरे गड्ढे में अभी तक दबाकर रखा गया था। पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि एयरफोर्स के रॉ- मटेरियल का टंगस्टन कुछ कर्मचारी निकाल रहे थे उसी दौरान ब्लास्ट हुआ। गौरतलब है कि पुलिस शमीम के हादसे के बाद के फोन रिकार्ड भी खंगाल रही है। जिससे कई खुलासे होंगे।

हादसे के दौरान गोदाम में मौजूद थे 11 लोग

सीसीटीवी फुटेज में देखने पर पुलिस को पता चला है कि हादसे के दौरान मौके पर शमीम कबाड़ी सहित 11 लोग मौजूद थे। ब्लास्ट के बाद जित्तू, भजन, नेम सिंह, चमन, रसीद मामू, शेरा, लखन, फैजल और शमीम बचे। जबकि मो. खलील और भोला का कुछ पता नहीं चल रहा है। गोदाम से मिले मानव अवशेषों की जांच के लिए खलील और भोला के परिवारों का डीएनए टेस्ट भी भोपाल भेजा गया है।

ऑक्सीजन सिलेंडर और डीजल कर रखा था स्टोर

सूत्रों के मुताबिक जहां पर एयरफोर्स के रॉ- मटेरियल को रखा गया था, उसके पास ही ऑक्सीजन के सिलेंडर और डीजल का भी भारी मात्रा में स्टोर कर रखा गया था। रॉ मटेरियल से टंगस्टन निकालने की प्रक्रिया की जा रही थी, इसी दौरान कुछ चिंगारियां निकलीं जो ऑक्सीजन सिलेंडर और डीजल के संपर्क से आ गई, जिससे ही संभवत: विस्फोट हुआ।

क्या है टंगस्टन धातु

टंगस्टन को वोल्फ्राम भी कहा जाता है। यह एक रासायनिक तत्व है, इसका प्रतीक डब्ल्यू और परमाणु संख्या 74 है। टंगस्टन एक दुर्लभ धातु है। इसे 1781 में एक नए तत्व के रूप में पहचाना गया और 1783 में पहली बार धातु के रूप में अलग किया गया। आमतौर पर इसे पूर्व में बनने वाले बल्वों के बीच में एक रिंग के रूप में भी देखा जाता था।

एनआईए के साथ विशेष जांच दल भी गंभीरता से सभी पक्षों पर जांच कर रहा है। टंगस्टन सहित अन्य धातुओं की जानकारी मौके से जरुर मिली है। जो भी संभावनाएं हैं सभी पहलूओं पर जांच करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। अनिल कुशवाह, आईजी, जबलपुर