जर्मनी तक पहुंचा बैंकिंग संकट, डॉएश बैंक की भी आर्थिक हालत खराब, 8% गिरे शेयर
नई दिल्ली। अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने से शुरू हुआ बैंकिंग संकट बढ़ रहा है। सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के बाद अमेरिका के सिग्नेचर बैंक, स्विट्जरलैंड के क्रेडिट सुइस बैंक भी संकट में घिरते नजर आए हैं। अब यह संकट जर्मनी तक आ पहुंचा है। जर्मनी का सबसे बड़ा बैंक डॉएश बैंक की आर्थिक हालत भी खराब हो गई है। शुक्रवार को डॉएश बैंक के स्टॉक प्राइस में करीब 8 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। निवेशकों के बीच बैंकिंग व्यवस्था लेकर अनिश्चितता का माहौल है। स्पेक्टेटर इंडेक्स के मुताबिक, जर्मनी के इस बैंक के पास कुल 1.4 ट्रिलियन डॉलर की कुल संपत्ति है, वहीं बैंक को साल 2022 में कुल 6 बिलियन डॉलर का मुनाफा हुआ था? क्यों टूट रहे बैंक के शेयर? : डॉएश बैंक के शेयरों में शुक्रवार को 15% से ज्यादा की गिरावट हुई थी। इसके बाद शेयरों में कुछ सुधार हुआ और यह कुल 8% की गिरावट के साथ 8.54 यूरो पर बंद हुए। ध्यान देने वाली बात ये है कि बैंक के शेयरों में गिरावट केवल वैश्विक बैंकों पर भारी दबाव के कारण नहीं है, बल्कि साल 2020 के मुकाबले बैंक की क्रेडिट-डिफॉल्ट स्वैप बीमा की लागत में कई गुना तक का इजाफा हुआ है। ऐसे में बैंक के शेयरधारकों अविश्वास पैदा हो गया है और बिकवाली तेज हो गई है। क्रेडिटडिफॉ ल्ट स्वैप बीमा एक तरह का इंश्योरेंस है, जो बैंक किसी कंपनी या ब्रांड को डिफॉल्ट के एवज में देती है।
सरकार ने कहा, घबराएं नहीं
डॉ एश बैंक के संकट की खबरों के बीच जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा है कि यूरोप का बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है और निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। दरअसल, डॉएश बैंक जर्मनी का सबसे बड़ा बैंक है। इसकी देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका है। यह जर्मनी के साथ ही कई देशों में भी काम करता है। डॉएश बैंक को दुनिया के सबसे सुरक्षित बैंकों में से एक माना जाता है। यह बैंक आमतौर पर सबसे ज्यादा कॉर्पोरेट कर्ज देता है। ऐसे में अगर इस बैंक पर किसी तरह के संकट आता है तो यह पूरे यूरोप को अपनी चपेट में ले सकता है।
वत्त मंत्री ने बैंको से कहा ब्याज दरों के जोखिमों को लेकर सतर्क रहें
अमेरिका और यूरोप में कुछ बैंकों के विफल होने से उपजी स्थिति के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रदर्शन और उनके जुझारूपन की शनिवार को समीक्षा की। बैठक में वित्त मंत्री ने बैंकों से ब्याज दर के जोखिमों को लेकर सतर्क रहने और नियमित तौर पर तनाव स्तर की जांच करते रहने को कहा। सीतारमण ने पीएसबी के एमडी और सीईओ के साथ चली इस बैठक के दौरान मौजूदा वित्तीय परिस्थितियों के संदर्भ में चर्चा की।