जीएसटी दर में बढ़ोतरी के बाद एमपीएल ने की भारी छंटनी

जीएसटी दर में बढ़ोतरी के बाद एमपीएल ने की भारी छंटनी

नई दिल्ली। ऑनलाइन स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) भारी संख्या में अपने कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। जानकारी के मुताबिक, एमपीएल ने 350 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। यह संख्या एमपीएल की भारत की टीम की लगभग आधी है। कंपनी ने इस फैसले के लिए खर्चों में कटौती और 28 प्रतिशत की बढ़ी हुई जीएसटी के बोझ का हवाला दिया है।

28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला 

दरअसल, जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था। दरअसल, केंद्र संसद के मानसून सत्र में केंद्रीय जीएसटी कानून में संशोधन लाने की तैयारी है। इसके बाद राज्य 1 अक्टूबर तक कानून में बदलाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अपनी-अपनी विधानसभाओं में इस संशोधन को पारित करेंगे।

ईमेल में कही यह बात

एमपीएल के सह-संस्थापक साई श्रीनिवास ने कर्मचारियों को भेजे ईमेल में कहा कि पिछले हफ्ते यह बात साफ हो गई थी कि सकल गेमिंग राजस्व के बजाय पूर्ण जमा कीमत पर 28% जीएसटी लगाया जाएगा। इन नए नियमों से हमारा कर बोझ 350-400% तक बढ़ जाएगा। कोई भी 50 या 100 पद जीएसटी की बढ़ोतरी के हिसाब से व्यवस्था कर सकता है, लेकिन इतने भारी बोझ के लिए हमें कुछ बहुत कड़े फैसले लेने की जरूरत है।

इन लागतों को कम करने का काम शुरू

साई श्रीनिवास ने कहा कि एक डिजिटल कंपनी के रूप में हमारी लागत में मुख्य रूप से लोग, सर्वर और कार्यालय का बुनियादी ढांचा शामिल है। इसलिए आगे बढ़ने के लिए और व्यवसाय का संचालन सुनिश्चित करने के लिए हमें इन खर्चों को कम करने के लिए कदम उठाने होंगे। हमने पहले ही अपने सर्वर और कार्यालय के बुनियादी ढांचे की लागत की समीक्षा शुरू कर दी है। अफसोस की बात है कि हमें आप में से लगभग 350 लोगों को जाने देना होगा।