रिजल्ट से पहले एक्टिव मोड में कांग्रेस, चुनावी राज्यों में तैनात हुए विश्वासपात्र

रिजल्ट से पहले एक्टिव मोड में कांग्रेस, चुनावी राज्यों में तैनात हुए विश्वासपात्र

नई दिल्ली। 5 राज्यों में वोटिंग खत्म हो चुकी है। अब सभी पार्टियों और जनता को 10 मार्च का इंतजार है, जिस दिन चुनावी नतीजे आाएंगे। इस बार कांग्रेस पुरानी वाली गलती दोहराना नहीं चाहती है। वोटिंग खत्म होते ही कांग्रेस एक्टिव है। उसका मकसद है कि अगर कांग्रेस की सीटें ज्यादा आएं, तो कोई दूसरा दल उसके विधायकों को ना तोड़े। इस वजह से वरिष्ठ नेताओं को पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में भेजा गया है। ये नेता तुरंत फैसला लेंगे, जिसमें त्रिशंकु विधानसभाओं की स्थिति में गठबंधन और गठजोड़ शामिल हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रणनीति बनाने के लिए बैठकें भी की हैं, ताकि पार्टी को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

गोवा में की थी गलती

वर्ष 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं, लेकिन 13 सीटें जीतने वाली भाजपा आगे निकल गई। उसने छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने साथ मिलाकर सरकार बना ली। उसके दो साल बाद कांग्रेस के विपक्ष के नेता बाबू कावलेकर के नेतृत्व में कांग्रेस के 15 विधायक भाजपा में चले गए। जिस वजह से कावलेकर को डिप्टी सीएम का पद मिल गया। कांग्रेस चाहती है कि ये वाली गलती दोबारा ना हो।

कांग्रेस का प्लान राजस्थान

इधर खबर है कि कांग्रेस ने गोवा और उत्तराखंड के संभावित विजेता विधायकों को सुरक्षित जगहों पर भेजने का फैसला किया है। पार्टी संभावित विजेताओं को राजस्थान में रख सकती है। इसकी तैयारियों के लिए सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जयपुर पहुंचीं, जहां उन्होंने सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात कर चुनाव के बाद के प्रबंधन की चर्चा की। गोवा और उत्तराखंड के विधायकों को जयपुर और जोधपुर के होटलों में भेजा जा सकता है।

राजस्थान के विधायकों को सौंपी गई जिम्मेदारी

जयपुर में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दो राज्यों के नए विधायकों को लाने की जिम्मेदारियां राजस्थान विधायकों को सौंपी गई है। सीएम गहलोत को मतगणना के दिन के लिए उत्तराखंड, पंजाब और गोवा का प्रभारी बनाया गया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वे नए विधायकों की जगह तेजी से बदलने के लिए राज्य के नेताओं के साथ मिलकर कम करेंगे।

राष्ट्रपति चुनाव पर 5 राज्यों के नतीजों का पड़ेगा असर, 24 जुलाई से पहले वोटिंग

यूपी समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव समाप्त हो गया है। मतगणना 10 मार्च को होगी। इन 5 राज्यों में विधानसभा की 690 सीटें हैं। उल्लेखनीय है कि मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल इस साल 24 जुलाई को खत्म होने वाला है। कार्यकाल खत्म होने से पहले ही नए राष्ट्रपति के चुनाव कराए जाएंगे। ऐसे में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव के नतीजे राष्ट्रपति चुनाव पर काफी असर डालेंगे। अगर इस चुनाव में भाजपा के पक्ष में फैसला नहीं आया तो उसका राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव का गणित बिगड़ सकता है। इस समय भाजपा देश के शीर्ष पदों पर अपने उम्मीदवारों का आसानी से चयन करने की स्थिति में है।

विधायक के वोट का मूल्य

जिन 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, उनमें से राष्ट्रपति चुनाव में पंजाब के एक विधायक के वोट की कीमत 116, उत्तराखंड के विधायक के वोट की कीमत 64, गोवा के विधायक के वोट की कीमत 20 और मणिपुर के एक विधायक के वोट की कीमत 18 है।

यूपी के विधायक की कीमत ज्यादा

सबसे अधिक मूल्य उत्तर प्रदेश के विधायक का है। यूपी के एक विधायक के वोट की कीमत 208 है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के वोट का कुल मूल्य 83,824, पंजाब का 13,572, उत्तराखंड का 4,480, गोवा का 800 और मणिपुर का कुल मूल्य 1,080 है।

राज्यसभा की 13 सीटों पर 31 मार्च को होंगे चुनाव

इधर राज्यसभा की 13 सीटों के लिए 31 मार्च को चुनाव होंगे। भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को इसकी घोषणा की है। राज्यसभा की जिन 13 सीटों पर चुनाव होना है, वे पंजाब, केरल, असम, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा और नगालैंड की सीटें हैं। आगामी 31 मार्च को राज्यसभा की 13 सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव होना है। 6 राज्यों के लिए 13 सीटों पर होने वाले इस चुनाव में राज्यवार आंकड़ा इस प्रकार से है:- पंजाब में पांच, केरल में तीन, असम में दो और हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा और नागालैंड में एक-एक सीट के लिए वोटिंग होनी है। विदित है कि इस महीने सांसद एके एंटनी, आनंद शर्मा और प्रताप सिंह बाजवा राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं।