सॉफ्टवेयर में बदलाव से ऑफनलाइन पेमेंट में देरी, लोग हो रहे हैं परेशान

सॉफ्टवेयर में बदलाव से ऑफनलाइन पेमेंट में देरी, लोग हो रहे हैं परेशान

भोपाल। लॉकडाउन की वजह से बेपटरी हुआ टैक्स कलेक्शन जैसे-तैसे पटरी पर लौटा था कि अचानक टैक्स कलेक्शन सॉफ्टवेयर में किए गए बदलाव ने टैक्स कलेक्शन सर्विस फिर से बेपटरी कर दिया है। स्थिति ये है कि नगर निगम की वेबसाइट से आनलाइन पेमेंट नहीं हो रहा, जबकि वार्ड कार्यालयों और कियोस्क सेंटर्स में भी अफरातफरी का माहौल है। पुराने सॉफ्टवेयर से टैक्स जमा करने में जहां महज 15 से 30 सेकेंड में रसीद कट जाती थी, वहीं नया सॉफ्टवेयर रसीद काटने में 5 से 10 मिनट का वक्त ले रहा है। टैक्स का सही गुणा-भाग नहीं लगा पा रहा। लिहाजा टैक्स पेमेंट करने पहुंचने वाले आधे लोगों का टैक्स जमा ही नहीं हो पा रहा। आंकड़ों के मुताबिक निगम को रोजाना 50 फीसदी टैक्स का नुकसान हो रहा है। भोपाल नगर निगम ने ई-नगर पालिका का इस्तेमाल शुरू किया है। नया सॉफ्टवेयर चालू हो चुका है, लेकिन निगम की वेबसाइट में अभी भी पुराना टैक्स पेमेंट सॉफ्टवेयर लिंक है। क्योंकि नया वेबसाइट से लिंक नहीं हो पा रहा।

नए सॉफ्टवेयर में टैक्स फॉर्मूले में है गड़बड़ी

गौरतलब है सर्वर में स्टोर प्रॉपर्टी डेटा के हिसाब से सॉफ्टवेयर प्रॉपर्टी टैक्स कैल्कुलेशन करता है। अलग-अलग एरिया और मकानों के आकार-प्रकार के हिसाब से टैक्स गणना अलग-अलग होती है। ये काम सॉफ्टवेयर में टैक्स फॉर्मूलों के जरिए होता है। लेकिन पुराने सॉफ्टवेयर के फॉर्मूलों में गड़बड़ है। हो ये रहा है कि प्रॉपर्टी आईडी डालने पर जहां प्रॉपर्टी मालिक का नाम गलत आ रहा है, तो किसी में एड्रेस और एरिया (परिक्षेत्र) ही बदला हुआ है।

रोजाना बिना टैक्स जमा किए लौट रहे कई लोग

टैक्स कलेक्शन से जुड़े कर्मचारियों ने बताया कि रोजाना टैक्स जमा करने आने वाले दस में से पांच लोग बिना टैक्स जमा करे वापस लौट जाते हैं। यानी रोजाना निगम को पचास फीसदी टैक्स का नुकसान हो रहा है। कर्मचारियों के मुताबिक अभी लॉकडाउन की वजह से लोग कम आ रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के बाद जब लोगों की भीड़ बढ़ेगी तो मुश्किल होगी। क्योंकि टैक्स पेमेंट न होने पर लोग उनसे बहस करते हैं और उलझ जाते हैं।