देश की एकमात्र गेमर, छिंदवाड़ा की पायल धारे से ढट ने की बात

देश की एकमात्र गेमर, छिंदवाड़ा की पायल धारे से ढट ने की बात

छिंदवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत के टॉप गेमर्स से बात की। इन गेमर्स में पायल धारे भी शामिल थीं, जो कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के उमरानाला की रहने वाली हैं। पीएम मोदी ने उन्हें भोजन पर भी आमंत्रित किया। पायल के यूट्यूब पर करीब 37 लाख सब्सक्राइबर्स हैं, उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई है। वे देश की एकमात्र महिला आॅनलाइन गेमर हैं। पायल ने छत्तीसगढ़ के भिलाई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उन्होंने 2019 में गेमिंग की दुनिया में कदम रखा था और इसमें पायल अब काफी सफल भी हो चुकी हैं। वे हर माह आॅनलाइन गेम एवं विज्ञापन से दो से तीन लाख रु. की कमाई करती हैं। पायल के पिता शिवशंकर धारे ने बताया कि वह उमरानाला में किराना की दुकान चलाते हैं। उनकी तीन बेटी अंजली, पायल और भूमिका हैं। पायल दूसरे नंबर की बेटी है। पायल का ननिहाल भिलाई में है। वर्ष 2017 में पायल ने छिंदवाड़ा से 12वीं की पढ़ाई की और फिर अपने ननिहाल चली गई, वहीं बीकॉम में दाखिला ले लिया। इसी दौरान कोरोना की वजह से उसे वापस छिंदवाड़ा आना पड़ा। इसके बाद पायल ने आॅनलाइन गेम को लेकर अपने पिता से चर्चा की। शुरू में पिता ने मना कर दिया, लेकिन बेटी की जिद के आगे झुक गए। बेटी ने भी पिता को समझाया और विश्वास दिलाया कि वह सही दिशा में कार्य करेगी। इसके बाद पायल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलता हासिल करने लगी। आज पायल मुंबई में रहकर आॅनलाइन गेम एवं विज्ञापन से हर माह लाखों रुपए की आय अर्जित कर रही है। आॅनलाइन गेम और विज्ञापनों से पायल धारे की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पायल ने अपनी कमाई से पिता को गिμट में एक कार दी है।

गेमिंग उद्योग को किसी नियमन की जरूरत नहीं

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि गेमिंग उद्योग को किसी नियमन की जरूरत नहीं है और इसे मुक्त रहना चाहिए, तभी इसमें तेजी आएगी। ई- गेमिंग उद्योग के भविष्य और उसके समक्ष मौजूद चुनौतियों पर शीर्ष भारतीय आॅनलाइन गेमर्स के साथ बातचीत में, पीएम ने उनसे कुछ सवाल भी पूछे और कुछ खेलों में हाथ भी आजमाया। जब एक गेमर नमन माथुर ने मोदी से पूछा कि क्या गेमिंग सेक्टर के लिए नियमन की कोई आवश्यकता है, तो उन्होंने कहा कि यह आदर्श स्थिति नहीं होगी। दो चीजें हैं, जो सरकार कर सकती है। या तो आप किसी कानून के तहत पाबंदियां लागू करें या हमारे देश की जरूरतों के मुताबिक उसे समझने और ढालने की कोशिश करें और इसे संगठित व कानूनी ढांचे के तहत लाएं और इसकी प्रतिष्ठा को बुलंद करें। मेरा प्रयास देश को उस स्तर तक ले जाना है कि 2047 तक सरकार मध्यम वर्गीय परिवारों के जीवन से बाहर हो जाए।