2163 करोड़ का बजट देख छाई निराशा, फिर अमृत पर 917, सीवर-जलप्रदाय पर 535 करोड़ होंगे खर्च

2163 करोड़ का बजट देख छाई निराशा, फिर अमृत पर 917, सीवर-जलप्रदाय पर 535 करोड़ होंगे खर्च

ग्वालियर निगम का 2163 करोड़ का बजट नए विकास प्रोजेक्टों के न होने व केन्द्र-राज्य सरकारों की अनुदान राशि के भरोसे तैयारी देख निराशा भरा दिखा। साथ ही पहले की दुर्दशा देख एक बार फिर सीवर- पानी के लिए अमृत 02 योजना में 917 करोड़, तो अधिकांश वार्डों में जलप्रदाय व सीवरेज समस्या के लिए 535 करोड़ जैसी राशि खर्च पर पहले हुई अनदेखियों पर सवाल उठते रहे। जबकि बजट में लोकनिर्माण व उद्यानिकी विभाग ने 503 करोड़, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 171.74 करोड़, मार्गों पर स्ट्रीट लाइट व पोल लगाने के लिए 07 करोड़, 30 नए संजीवनी क्लीनिक बनवाने का प्रावधान किया है। जबकि चालू वर्ष का संपत्तिकर टारगेट 150 व जलकर 45 करोड़ वसूल न होने पर भी यथावत रखा गया है।

कांग्रेस की महापौर डॉ. शोभा सिकरवार ने दूसरी बार निगम के वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जय-जय बजरंगबली, जय अचल नाथ व जय श्रीराम के नारे लगाने के बाद बजट प्रस्तुत किया, जिसमें बताया कि निगमायुक्त हर्ष सिंह ने 18.70 अरब की आय बताकर 18.47 अरब के व्यय प्रस्ताव में 22.93 करोड़ का लाभ दिखाते हुए मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) के सामने प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद एमआईसी ने नगर निगम के सभी विभागों के वित्तीय आय-व्यय की स्थिति का आकलन कर चालू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए कुल बजट पूंजीगत तथा राजस्व मद में कुल 21,63,95,16,000 रुपए (इक्कीस अरब तिरेसठ करोड़ पिंच्यानवे लाख सोलह हजार) की आय पर 21,38,72,69,000 (इक्कीस अरब अड़तीस करोड़ बहत्तर लाख उनहत्तर हजार) व्यय का प्रस्ताव तैयार किया। जिसमें स्वयं के स्रोतों से आय का 5 प्रतिशत 24,13,87,200 (चौबीस करोड़ तेरह लाख सत्तासी हजार दो सौ रुपए) संचित निधि में रखने का प्रावधान कर शुद्ध लाभ 01,08,59,800 रुपए (एक करोड़ आठ लाख उनसठ हजार आठ सौ पचास रुपए) का बजट प्रस्तुत किया गया।

23 तक संशोधन के बाद 27 को बहस

निगम परिषद में बजट प्रस्तुत होने के बाद सभापति मनोज तोमर द्वारा बजट की प्रति पढ़ने के बाद 23 फरवरी सायं 5:30 बजे तक संशोधन पत्र परिषद के सचिव को देने की तिथि निर्धारित की गई है। इसके बाद बजट संशोधन पर चर्चा हेतु 27 फरवरी दोपहर 12 बजे परिषद की बैठक होगी। हालांकि संशोधनों में एक प्रस्ताव निगम के वित्त विभाग की ओर से प्रस्तुत होगा।

महापौर की मौलिक निधि बढ़ाकर 10, सभापति की 9 व पार्षदों की एक-एक करोड़ की

प्रस्तुत बजट में आगामी वर्ष के लिए महापौर की मौलिक निधि 10 करोड़, तो सभापति की 09 व 66 पार्षदों की निधि राशि एक-एक करोड़ की गई है। जबकि शासन से नियुक्त होने वाले वरिष्ठ पार्षदों के लिए 5.40 करोड़ व वार्ड समिति निधि के रूप में 2.40 करोड़ के अलावा बीते वर्ष के मौलिक निधि कार्य रिवाइज करते हुए 31 करोड़ की राशि यानि कुल 123.80 करोड़ दिखाई गई है।

टमटम से अटैची लेकर पहुंचीं महापौर

महापौर शोभा सिकरवार दूसरी बार बजट पेश करने अपने निज निवास ललितपुर कॉलोनी से टमटम में सवार होकर जल विहार स्थित निगम परिषद कार्यालय पहुंची। जहां सत्तापक्ष के पार्षद उनके आगमन पर बाहर लेने आए और महापौर ने 12 पेज का बजट प्रस्ताव लगभग 36 मिनट में बिना रूके पढ़ा।

पुरानी योजना पर दांव लगाने पर छाई है निराशा

महापौर द्वारा पेश बजट कई तरह के सब्जबाग दिखाकर विकास के लिए पेश प्रोफार्मा को देख पहले से निगम पर 100 करोड़ की देनदारियों के बाद ठप हो चुके विकास व विपक्ष के लगातार मजबूत होने पर नई योजनाओं पर काम न कर पाने के चलते शहर विकास को पंख न लगने के चलते लोगों में खासी निराशा देखी गई।