बड़े बेटे बहू से परेशान था पिता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कराया समझौता 

बड़े बेटे बहू से परेशान था पिता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कराया समझौता 

भोपाल। बुजुर्ग पिता ने लगाई थी गुहार- बेटे-बहू की प्रताड़ना से जीना हुआ दूभर। जिला विधिक प्राधिकरण (डालसा) भोपाल में एक बुजुर्ग पिता ने अपने बड़े बेटे और बहू के खिलाफ प्रताड़ित करने की शिकायत करते हुए आवेदन दिया था। मामले में डालसा सचिव एडीजे संदीप शर्मा ने विवाद न्यायालय में जाने से पूर्व ही दोनों पक्षों में समझौता कराया है।
दरअसल, रेलवे विभाग से पिछले साल  सेवानिवृत 61 वर्षीय बुजुर्ग पिता ने डालसा में अपने बेटे-बहू पर शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित करने और आत्यहत्या के प्रयास में झूठा नाम फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया था। भानपुर में रह रहे पिता ने डालसा में बताया कि उसके दो बेटे और एक बेटी हैं और 2008 में पत्नी की मृत्यु हो चुकी है। सभी बच्चों की शादी हो चुकी है और बड़े बेटे की शादी के कुछ समय बाद तक पूरा परिवार साथ रहता था। पिता ने यहां कहा कि बड़ी बहू का मायका भोपाल में ही है और शादी के कुछ समय बाद ही बड़ा बेटा और बहू, मायके वालों के साथ मिलकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे। यहां तक कि दबाव में उन्होंने अपना घर भी बेच दिया। इसके बाद भी बेटे और बहू का रवैया नहीं बदला।

आत्महत्या करने की धमकी
बुजुर्ग पिता ने अपने लिखित शिकायती आवेदन में बताया कि बेटे-बहू उनके नाम से नया मकान खरीद वाले के लिए दबाव बनाने लगे और बेटे ने आत्यहत्या करने की धमकी देते हुए उन्हें फंसाने की बात भी कही। पिता के मुताबिक वह बेटे के दबाव में उसके मकान का किराया और राशन आदि भी देते थे, जिसमें उनकी सेविंग्स भी खर्च हो गई।

यहां तक कि बेटे व बहू ने उन्हें इस कदर मजबूर कर दिया कि वह अपने छोटे बेटे के साथ किराए के मकान में रहने लगे। बुजुर्ग पिता ने बताया कि बड़े बेटे और बहू की धमकी से परेशान होकर उन्होंने बेटे के लिए एक प्लॉट भी क्रय किया है और पेंशन पर लोन लेकर उस पर मकान बनवाने प्रयासरत हैं, लेकिन बेटे-बहू की प्रताड़ना रुकने का नाम नहीं ले रही है।

प्लॉट दिया लेकिन रिश्ता किया खत्म
प्राधिकरण सचिव संदीप शर्मा ने दोनों पक्षों की काउंसलिंग कर उनके बीच समझौता कराया। बुजुर्ग पिता अपने बड़े बेटे को उसके लिए खरीदा गया प्लॉट देने के लिए राजी हो गए, लेकिन पिता ने यह भी शर्त रखी कि प्लॉट देने के बाद वह अपने पुत्र से कोई संबंध नहीं रखेंगे। डालसा के लिखित समझौते में भी इसका जिक्र किया गया है कि इस प्लॉट के बाद बड़े बेटे का संपत्ति में कोई अधिकार नहीं होगा और यदि वह आगे परिवार के किसी सदस्य को परेशान करता है तो उस पर कानूनी कार्यवाही के लिए परिवार स्वतंत्र होगा। इन शर्तों के बाद दोनों पक्षों ने आगे किसी भी प्रकार का विवाद न करने की सहमति प्रदान की।