जी-20 समिट: 1.20 लाख जवानों के साए में दिल्ली, आज आएंगे बाइडेन, सुनक सहित कई देशों के नेता

सुरक्षा के मद्देनजर रविवार रात 9 बजे तक मालवाहक वाहनों का प्रवेश रोका

जी-20 समिट: 1.20 लाख जवानों के साए में दिल्ली, आज आएंगे बाइडेन, सुनक सहित कई देशों के नेता

नई दिल्ली। नई दिल्ली जी-20 में शामिल दुनिया के शक्तिशाली राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत करने के लिए तैयार है। 9-10 सितंबर को होने वाली जी- 20 समिट नई दिल्ली के प्रगति मैदान में बने अत्याधुनिक भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में होगी। यहां आने वाले वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए 1.20 लाख जवानों को तैनात किया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर गुरुवार रात 9 बजे से लेकर रविवार रात 9 बजे तक दिल्ली में हल्के और भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। आयोजन के ज्यादातर नेता 8 सितंबर को दिल्ली पहुंच रहे हैं। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के पीएम फिमियो किशिदो, आॅस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज शामिल हैं।

खास मेहमानों के ठहरने के लिए हैं विशेष इंतजाम

  • अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन आईटीसी मौर्या में ठहरेंग। 
  • ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक होटल शांगरी ला में रुकेंगे। 
  • कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो द ललित होटल में ठहरेंगे। 
  • फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का क्लैरिजेस होटल में ठहरने का प्लान है। 
  • जापान के प्रधानमंत्री फिमियो किशिदो द ललित होटल में रुकेंगे। 
  • आॅस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज इंपीरियल होटल में रुकने वाले हैं। 
  • द. कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल का स्टे ओबेरॉय होटल में है। 
  • तुर्की के राष्ट्रपति रसीप तैयप एर्दोआन ओबेरॉय होटल में रुकेंगे। 
  • चीनी पीएम ली कियांग होटल ताज पैलेस में ठहरेंगे। 
  • ब्राजील का प्रतिनिधिमंडल होटल ताज पैलेस , इंडोनेशिया के प्रतिनिधि इंपीरियल होटल में ठहरेंगे। ओमान के प्रतिनिधि लोधी होटल में रुकेंगे।

यूक्रेन को नहीं भेजा न्योता

समिट के लिए नीदरलैंड, सिंगापुर, स्पेन, यूएई, ओमान, बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस और नाइजीरिया को मेहमानों के तौर पर बुलाया गया है। यूक्रेन को न्योता नहीं भेजा गया है। कौन से देश हैं : जी-20 में अर्जेंटीना, आॅस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूके और यूएस और ईयू के (27 सदस्य) शामिल है।

अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा के खास इंतजाम 

  • अमेरिकी राष्ट्रपति का एयरफोर्स वन प्लेन ही नहीं आता है, उसके साथ 6 बोइंग सी17 विमान आते हैं।
  • काफिले में लिमोजीन गाड़ियां होती हैं। इन गाड़ियों में कम्युनिकेशन इक्विपमेंट होते हैं। साथ ही कई एजेंट और स्टाफ मेंबर होते हैं। 
  • सीक्रेट सर्विस और लोकल एजेंसी राष्ट्रपति के काफिले का रूट तय करती है। यह ध्यान रखा जाता है कि इमरजेंसी में कहां निकलना है। 
  • यह सुनिश्चित किया जाता है कि राष्ट्रपति जहां ठहरें वहां से अस्पताल से 10 मिनट से ज्यादा दूर ना हों। 
  • इतना ही नहीं अमेरिकी सिक्योरिटी एजेंसी का एक एजेंट आसपास के हर अस्पताल के बाहर तैनात रहता है। 
  • अमेरिकी राष्ट्रपति के आने की तारीख नजदीक आते ही उनके रूट पर पड़ने वाला हर एक स्टॉप चेक को किया जाता है। जिस होटल में वे ठहरते हैं उसके आसपास से कारें आदि हटवा दी जाती हैं।