राफेल का अभिनंदन...

राफेल का अभिनंदन...

अंबाला। देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने बुधवार को भारत एक कदम और आगे बढ़ गया। फ्रांस से 7,00 किमी की दूरी तय कर 5 राफेल बुधवार दोपहर करीब 3:15 बजे अंबाला एयरबेस पर उतरे। पांचों राफेल के उतरते ही इन्हें वॉटर कैनन सैल्यूट दिया गया। राफेल की अगवानी वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने की। अंबाला एयरबेस पर 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन राफेल की पहली स्क्वॉड्रन होगी। 23 साल बाद भारत को 5 नए फाइटर प्लेन मिले हैं। इससे पहले 1997-98 में भारत को रूस से सुखोई मिले थे। 3 राफेल में से 3 सिंगर सीटर, जबकि दो डबल सीटर हैं। इन्हें एयरफोर्स के अंबाला स्थित स्क्वाड्रन 17 में शामिल किया जाएगा जो ‘गोल्डन एरोज' के नाम से जाना जाता है।

ग्रुप कैप्टन हरकीरत ने कराई फर्स्ट लैंडिंग

5 विमानों की बैच में सबसे पहले विमान को वायुसेना की 17 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग आफिसर और शौर्य चक्र विजेता ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने लैंड करवाया। पीछे-पीछे 4 अन्य राफेल लैंड हुए। इस मौके पर राफेल को लाने वाले पायलटों के परिवार भी मौजूद रहे।

पाक के एफ-16 और चीन के जे-20 से ज्यादा बेहतर है

राफेल हवा में सिर्फ 28 किमी प्रति घंटा की बहुत धीमी रफ्तार से उड़ने के साथ-साथ 1,389 किमी/घंटे की तेज रफ्तार भी पकड़ सकता है। ये हवा से हवा में और हवा से जमीन में भी हमला करने के साथ परमाणु हमला करने में भी सक्षम है। पाकिस्तान के सबसे ताकतवर फाइटर जेट एफ-16 और चीन के जे-20 में ये खूबी नहीं है।