अमेरिका में भी मिला मंकी पॉक्स वायरस

अमेरिका में भी मिला मंकी पॉक्स वायरस

वाशिंगटन। कोरोना के बीच अब मंकीपॉक्स ने भी दस्तक दे दी है। यूरोपीय देशों में मंकीपॉक्स का संक्रमण बढ़ रहा है। अमेरिका में भी मंकीपॉक्स का पहला मामला आ गया। अमेरिका के मैसाचुएट्स में रहने वाला शख्स पॉजिटिव आया है। वो हाल ही में कनाडा से लौटा था। कनाडा में भी एक दर्जन से ज्यादा संदिग्ध मामलों की जांच की जा रही है। स्पेन और पुर्तगाल में अब तक 40 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। ब्रिटेन में भी 6 मई से अब तक 9 मामले सामने आ चुके हैं। मैसाचुसेट्स डिपार्टमेंट ने कहा कि शख्स की प्रारंभिक जांच जमैका की एक लैब में हुई, जबकि वायरस की पुष्टि यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) में हुई। फिलहाल सीडीसी उन लोगों की पहचान कर रहा है, जो उस शख्स के संपर्क में आए थे। हालांकि सीडीसी ने कहा है कि इस मामले से आम जनता को कोई खतरा नहीं है, लेकिन फिर भी सतर्क रहने की जरूरत है। शख्स अभी अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत ठीक है। चेचक की वैक्सीन 85 फीसदी है कारगर: विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अभी मंकीपॉक्स का कोई ठोस इलाज मौजूद नहीं है। हालांकि, चेचक की वैक्सीन मंकीपॉक्स के संक्रमण के खिलाफ 85 फीसदी तक असरदार साबित हुई है। 2019 में चेचक और मंकीपॉक्स को रोकने के लिए एक वैक्सीन को मंजूरी दी गई थी, लेकिन वो भी अभी पूरी तरह से आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है।

चेहरे और शरीर पर उभर आते हैं दाने : मंकीपॉक्स

एक दुर्लभ लेकिन संभावित रूप से गंभीर वायरल बीमारी है, जो अधिकांश रूप से μलू जैसी बीमारी और लिम्फ नोड्स की सूजन से शुरू होती है और चेहरे और शरीर पर एक दाने के रूप में विकसित होती है। इस बीमारी में अधिकांश संक्रमण 2 से 4 सप्ताह तक चलते हैं। इस बीमारी की चपेट में आने पर बुखार, दाने और लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण सामने आते हैं।

बंदरों में मिला था पहला वायरस

???? अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) के मुताबिक, पहली बार ये बीमारी 1958 में सामने आई थी। तब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में ये संक्रमण मिला था, इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है। इन बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण दिखे थे।

???? विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, इंसानों में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में सामने आया था। तब कॉन्गो के रहने वाले एक 9 साल के बच्चे में ये संक्रमण मिला था। 1970 के बाद 11 अफ्रीकी देशों में इंसानों के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के मामले सामने आए थे।

???? दुनिया में मंकीपॉक्स का संक्रमण अफ्रीका से फैला है। मई 2019 में सिंगापुर में भी नाइजीरिया की यात्रा कर लौटे लोगों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी।

  बंदरों में मिला था पहला वायरस

???? अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) के मुताबिक, पहली बार ये बीमारी 1958 में सामने आई थी। तब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में ये संक्रमण मिला था, इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है। इन बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण दिखे थे।

???? विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, इंसानों में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में सामने आया था। तब कॉन्गो के रहने वाले एक 9 साल के बच्चे में ये संक्रमण मिला था। 1970 के बाद 11 अफ्रीकी देशों में इंसानों के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के मामले सामने आए थे।

???? दुनिया में मंकीपॉक्स का संक्रमण अफ्रीका से फैला है। मई 2019 में सिंगापुर में भी नाइजीरिया की यात्रा कर लौटे लोगों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी।

अब अमेरिका में भी हुई पुष्टि

मई की शुरुआत से यूरोप कई देशों और ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के दर्जनों संदिग्ध या कन्फर्म मामलों के सामने आए और अमेरिका में पहले केस की पुष्टि की गई है। मेरा मानना है कि यौन संपर्क में आने से मंकीपॉक्स फैल सकता है। हम पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में मंकीपॉक्स का संक्रमण देख रहे हैं। -डॉ.सोसे फॉल, असि. डायरेक्टर, डब्ल्यूएचओ