चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3%की दर से बढ़ेगी : विश्व बैंक

दक्षिण एशिया की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान

चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3%की दर से बढ़ेगी : विश्व बैंक

नई दिल्ली/वॉशिंगटन। निवेश और घरेलू मांग के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। विश्व बैंक की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल की पृष्ठभूमि में भारत लगातार मजबूती दिखा रहा है। विश्व बैंक की भारत की वृद्धि से जुड़ी अद्यतन रिपोर्ट के अनुसार, भारत जो दक्षिण-एशिया क्षेत्र का बड़ा हिस्सा है, की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 2023-24 में 6.3 प्रतिशत रहेगी। विश्व बैंक ने अपनी अप्रैल रिपोर्ट में भी 6.3 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया था। भारत ने 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी। भारत में विश्व बैंक के कंट्री निदेशक ऑगस्ते तानो कुआमे ने कहा कि प्रतिकूल वैश्विक वातावरण अल्पावधि में चुनौतियां उत्पन्न करता रहेगा। सार्वजनिक व्यय के दोहन से अधिक निजी निवेश बढ़ेगा और भारत के लिए भविष्य में वैश्विक अवसरों का लाभ उठाने के लिए अनुकूल परिस्थितियां उत्पन्न करेगा। इससे उच्च वृद्धि हासिल करने होगी। मुद्रास्फीति पर रिपोर्ट में कहा गया कि खाद्य पदार्थों की कीमतें घटने और सरकारी उपायों से प्रमुख वस्तुओं की आपूर्ति सुधरने से इसके धीरे-धीरे कम होने की उम्मीद है। मौजूदा वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 5.9 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद है। विश्व बैंक ने कहा कि दक्षिण एशिया की वृद्धि दर इस साल 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जो दुनिया के किसी भी अन्य विकासशील देशों के क्षेत्र की तुलना में अधिक है। हालांकि, यह वैश्विक महामारी से पहले की गति से धीमी है और विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दृष्टि से पर्याप्त नहीं है। विश्व बैंक के उपाध्यक्ष (दक्षिण एशिया क्षेत्र) मार्टिन रायसर ने कहा, पहली नजर में दक्षिण एशिया वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल स्थल है। विश्व बैंक का अनुमान है कि यह क्षेत्र अगले कुछ वर्षों में किसी भी अन्य विकासशील देश क्षेत्र की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ेगा।

भारत के पास इस वक्त सबसे बड़ा उपभोक्ता आधार है: कोनन

 दुनिया में कोको का सबसे बड़ा उत्पादक कोटे डी आइवर कोको प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने और कोको उत्पादों की सीधी बिक्री के लिए चीन के बाद अब भारत से निवेश चाहता है। स्थानीय किसानों को बेहतर लाभ सुनिश्चित करने के मकसद से कोको के मूल्यवर्धित उत्पादों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए फरवरी, 2019 में स्थापित सरकारी स्वामित्व वाली ट्रांसकाओ को पहले ही यहां दो नई परियोजनाओं के लिए चीन से 25.5 करोड़ यूरो का निवेश मिल चुका है। ऐसे में कोटे डी आइवर, जिसे आइवरी कोस्ट के नाम से जाना जाता है, कोको के रूपांतरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और एशियाई देशों के साथ सहयोग की संभावना तलाश कर रहा है। ट्रांसकाओ के महाप्रबंधक कोलुबली कोनन थिओडोर ने कहा, भारत के पास सबसे बड़ा उपभोक्ता आधार है। कोटे डी आइवर दक्षिण एशियाई देशों