मेडिकल कॉलेज में तनाव से गुजर रहे छात्रों के लिए जूडा ने गठित की कमेटी
इंदौर। मेडिकल कॉलेज में तनाव से गुजर रहे विद्यार्थियों की मदद के लिए पहली बार जूनियर डॉक्टरों ने एक कमेटी हेल्दी माइंड के नाम से गठित की है। इसमें मनोचिकित्सक के अलावा सभी विभागों के प्रमुख को शामिल किया है। करीब 20 सदस्य हैं। यह समिति प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में बनाई गई है। भोपाल की जूनियर डॉ. बाला सरस्वती की आत्महत्या की घटना के बाद यह समिति बनाई है।
छह माह में सुसाइड की हुई दूसरी घटना
एमजीएम मेडिकल कॉलेज जूडा की डॉ. दीप्ति वर्मा ने बताया कि डॉक्टरों को मानसिक के साथ शारीरिक तनाव भी रहता है। कई बार काम के चलते परिवार से बातचीत करने का समय नहीं मिलता है। समय पर सो नहीं पाते हैं। परिवार से संपर्क नहीं होने से काम पर इसका असर पड़ता है, जिसके चलते कई बार काम में मन नहीं लगता है। बेचैनी होती है। कई बार छोटी- छोटी बातों से इतना मानसिक तनाव हो जाता है कि ऐसा घातक कदम उठा लेते हैं। छह माह में भोपाल मेडिकल कॉलेज में यह दूसरी आत्महत्या की घटना है। एक साल पूर्व एमजीएम कॉलेज में द्वितीय वर्ष में एनेस्थीसिया विभाग की डॉक्टर ने भी आत्महत्या की थी।
हर माह होगा डॉक्टर लॉफ विथ जेडीए
इस कमेटी का नाम हेल्दी माइंड रखा गया है। कमेटी हर 15 दिन में डॉक्टर लॉफ विथ जेडीए, डाक टॉक रखा गया है। इसमें मेडिवेशनल स्पीकर, ध्यान, योग एवं कॉमेडियन शो के माध्यम से दूर किया जाएगा। साथ ही टेली मानस टोल फ्री नंबर 180089141416 पर 24 घंटे विद्यार्थियों की काउंसंिलग के लिए सहायता मिलेगी।