वायरल का बदला ट्रेंड, कई दिनों तक सता रहा खांसी और बुखार

वायरल का बदला ट्रेंड, कई दिनों तक सता रहा खांसी और बुखार

ग्वालियर। बदलते मौसम में हर साल वायरल का प्रकोप होता है, लेकिन इस बार के वायरल ने सभी को हैरान कर दिया है। डॉक्टर्स की माने तो इस वर्ष वायरल का ट्रेड बदल गया है, जिसकी वजह से मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पहले सामान्य तौर पर वायरल होने पर मरीज को ठीक होने में तीन से चार दिनों का समय लगता था, लेकिन इस साल मरीजों को बुखार के साथ खांसी एवं पेट दर्द, उल्टी सहित कई अन्य समस्या एक साथ हो रही है।

मरीजों को ठीक होने में पहले की तुलना में लंबा समय लग रहा है। इस समय सबसे अधिक भीड़ मेडिसिन विभाग में पहुंच रही है, जिसमें 85 फीसदी मरीज इसी वायरल से पीड़ित नजर आ रहे हैं। कुछ केस में मरीजों को लंबे समय तक खांसी-जुकाम व निमोनिया की शिकायत होना शुरू हो गई है साथ ही खांसी से ठीक होने में दस दिनों से अधिक का समय लग रहा है और ओपीडी के साथ ही आईपीडी भी लगतार बढ़ रही है।

खराब लाइफ स्टाइल, रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी

वायरल का प्रकोप बढ़ने के पीछे वजह डॉक्टर लोगों की बिगड़ी हुई लाइफ स्टाइल के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना बता रहे हैं। इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से वायरल का संक्रमण लोगों को अपनी चपेट में आसानी से ले रहा है, साथ ही उन लोगों को अधिक समस्या देखने को मिल रही है जो पहले कोरोना की चपेट आ चुके हैं।

टायफाइड, मलेरिया से राहत, डेंगू का खतरा बढ़ा

बदले हुए मौसम में वायरल के इस प्रकोप के दौरान राहत की बात की जाए तो मरीजों को मलेरिया एवं टाइफाइड जैसी बीमारियां नहीं निकल रही है। डॉक्टर द्वारा जांचें कराए जाने पर उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव निकल रही है। हालांकि बच्चों में कुछ केस में ज्वाइंडिस की समस्या आ रही है। वहीं दूसरी ओर बारिश के दौरान पानी जमा होने के कारण डेंगू का प्रकोप और अधिक बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। इस सीजन में 40 केस जनवरी से लेकर अभी तक डेंगू के निकल चुके हैं।

वायरल से बचने यह बरतें सावधानी

  • घर का बना हुआ ताजा भोजन लें
  • सर्दी-खांसी होने पर मास्क का प्रयोग करें। 
  • ठंडा पानी नहीं पिएं, गुनगुने पानी का सेवन करें।
  • सर्दी-खांसी की शुरूआत में अदरक, तुलसी की चाय का प्रयोग करें।
  • तीन दिनों तक आराम नहीं मिलने पर डॉक्टर से परामर्श लें।

वायरल का प्रकोप अधिक है, ओपीडी में इसी के मरीज अधिक आ रहे हैं, इस वर्ष इसका ट्रेड बदला हुआ है। मरीजों को रिकवर होने में अधिक समय लग रहा है। खांसी, जुकाम अधिक दिनों तक होेने के कारण चेस्ट इंफेक्शन व निमोनिया के कुछ मामले भी आ रहे हैं। -डॉ. मनीष शर्मा,मेडिसिन रोग विशेषज्ञ, जेएएच