चंबल के 80 गांवों में मीठे पानी को तरसे लोग, जहां जाते वहां खारा पानी

चंबल के 80 गांवों में मीठे पानी को तरसे लोग, जहां जाते वहां खारा पानी

ग्वालियर। चंबल संभाग में गोहद और मेहगांव दो ऐसे ब्लॉक हैं, जहां लोगों के पास पीने के लिए मीठा पानी नहीं है। सरकारें आई और गई, लेकिन एक बूंद मीठा पानी मयस्सर नहीं करा सकीं। वर्ष 2006 से योजनाएं ही बनती रहीं, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं हुआ। लोग मीठे पानी के लिए पोखर, कुएं, नदियों की ओर ताक रहे हैं। इन दो क्षेत्रों में एक-दो नहीं, बल्कि करीब एक सैकड़ा गांव हैं। अकेले 80 गांव पीएचई की रिपोर्ट में दर्ज हैं। एसडीओ मेधा शर्मा स्वीकारती हैं कि गोहद और मेहगांव में जल जीवन निगम की ओर से डीपीआर तैयार की जा रही है। वर्ष 2006 में गोहद में 50 करोड़ की 34 गांव के लिए योजना बनी थी, लेकिन किसी ने यह नहीं देखा कि मीठा पानी है या नहीं। लोधी की पाली, फतेहपुर, नावली, चक माधौपुर, आंसोली गांव में भी यहीं हाल हैं। एसडीओ के अनुसार 80-90 गांव गोहद में ही खारे पानी से त्रस्त हैं। करीब एक दर्जन से अधिक गांव मेहगांव के हैं। ढो कर लाना पड़ता है पानी महिलाओं को सिर पर मटके रखकर तीन-चार किलोमीटर दूर से मीठा पानी लाना पड़ता है। बच्चे साइकिलों पर बाल्टियां टांगकर लाते हैं, तो बड़े बुजुर्ग ठेलों से पानी घरों तक पहुंचा रहे हैं। जगह-जगह बोर करते हैं: पीएचई विभाग मीठे पानी की तलाश में जगह-जगह बोर करता है और पानी मीठा होने पर नल जल योजना चालू करवा देता है, लेकिन कालांतर में जमीन से पानी खारा आने लगता है तो फिर वही स्थिति बन जाती है।

यह है एक मात्र उपाय

पोखर या नदी के समीप गड्ढा करते हैं और पानी टेस्ट किया जाता है। मीठा होने पर बोर करवा देते हैं और पाइप लाइन से पानी टंकियों तक फिर घरों तक सप्लाई हो जाता है, लेकिन यह उपाय स्थायी नहीं है। बुजुर्ग सत्यनारायण शर्मा कहते हैं कि तय करके सभी पुराने कुएं, बाबड़ी, पोखर साफ कर दो वहां पानी स्वत: आ जाएगा और वह मीठा होगा। यानि पुरानी बनावट और बसाहट को हमें ध्यान रखना है।

पाचन शक्ति होती है खराब

खारे पानी के उपयोग से पाचन शक्ति खराब होगी, उल्टी-दस्त भी लगेंगे। खारा पानी शरीर की अशुद्धियों को और बढ़ा सकता है। - एसडी गुप्ता, रिटायर एमडी मेडिसिन

विधानसभा में सवाल उठाया

खारे पानी की समस्या से निपटने विधानसभा में सवाल उठाया गया। मैं अपनी निधि भी खर्च करूंगा, अभी तक दो-तीन किलोमीटर दूर से मीठा पानी कई गांवों में लोगों को लाना पड़ रहा है। जल जीवन मिशन से मीठा पानी लाने में समय लगेगा। मेरी लिस्ट में ऐसे 54 गांव हैं। - मेवाराम जाटव, विधायक गोहद

केंद्र-राज्य की योजनाओं पर किया जा रहा काम

मेहगांव और गोहद में खारे पानी की समस्या से निपटने जल जीवन मिशन के तहत नल-जल योजनाएं बनाई जा रही हैं। मेहगांव के गाता, गितौर में ये योजनाएं चालू हो चुकी हैं। जल्द ही इसका विस्तार किया जाने वाला है। भीषण गर्मी में लोगों को दूर से मीठा पानी लाना नहीं पड़ेगा। - ओपीएस भदौरिया, नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री म.प्र. शासन

खारे पानी से जूझ रहे गांव

अकेले गोहद के ही 80-90 गांव खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। हमने प्लान बनाया है। इसके तहत जल जीवन निगम द्वारा डीपीआर बनाई जा रही है। इसके तहत ही मीठा पानी लाने की योजना बनेगी। - मेधा शर्मा, एसडीओ, पीएचई, गोहद