अपनों के हाल जानने परेशान रहे लोग

अपनों के हाल जानने परेशान रहे लोग

जबलपुर। सीहोर में रुद्राक्ष लेने और महाशिवरात्रि में शामिल होने जबलपुर से भी बड़ी संख्या में लोग रवाना हुए हैं। गुरुवार को हुई घटना के बाद लोग अपनों के हाल जानने परेशान हो रहे हैं। इसकी वजह यह भी बताई जा रही है कि कई यात्रियों के मोबाइल कवरेज नहीं मिल रहे हैं या स्विच ऑफ बताए जा रहे हैं। गौरतलब है कि बुधवार रात को बड़ी संख्या में ट्रेनों से यात्री रवाना हुए हैं। वहीं स्पेशल बसों से भी 5 हजार यात्री सीहोर के लिए रवाना हुए थे। इनमें अधिकांश लोगों से परिजनों की बात नहीं हो पा रही है। खास बात ये है कि समूह के रूप में गए यात्री वहां जाकर एक-दूसरे से बिछड़ भी गए हैं। सीहोर स्टेशन से गंतव्य के लिए निजी वाहनों तक जाने की सूचना परिजनों को मिली इसके बाद कोई लोकेशन न मिलने से शहरवासियों की बेचैनी बढ़ गई है।

जूते-चप्पलों के ढेर

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भगदड़ मचने के बाद पंडाल स्थल से कोसों दूर तक सिर्फ जूते-चप्पलों के ढेर नजर आ रहे थे। कई लोगों के कपड़ों के बैग के अलावा चादर-कंबल भी मैदान में फैले रहे। वापसी में लोगों को 15 किमी तक जाम का सामना करना पड़ा।

दूसरे दिन पहुंचा भोपाल

छोटी बजरिया निवासी मोहन लाल चड्डा ने बताया कि उनका भाई संतोष परिजनों सहित 5 लोग सीहोर गुरुवार की सुबह पहुंचे थे। सुबह सबसे बात हुई। दोपहर में जानकारी लगी कि पांचों भीड़ में अलग-अलग हो गए हैं। रात भर कहीं किसी का पता नहीं लग सका। मोबाइल न लगने से चिंता अलग हो गई थी। शुक्रवार को 11 बजे उनके भाई से जानकारी मिली कि किसी तरह सभी भोपाल पहुंच गए हैं और शाम को यहां से रवाना हुए। वहां के हालात जब फोन पर पता चले तक शुभचिंतकों ने राहत की सांस ली। गौरतलब है कि स्पेशल बसों से भी 5 हजार लोग यहां से रवाना हुए हैं।

6 घंटे तक नहीं हो सका संपर्क

गुप्तेश्वर क्षेत्र से कई महिलाएं बतौर सेवादार के सीहोर के लिए बस से बुधवार को रवाना हुई थीं। इस संबंध में प्रभा चंद्रवंशी के परिजनों ने बताया कि यहां से रवाना हुई महिलाओं से 6 घंटे से ज्यादा समय तक संपर्क न होने से कॉलोनी के सभी लोग परेशान रहे। हालांकि शुक्रवार को सुबह सभी वापिस लौट आए तब सभी ने राहत की सांस ली। प्रभा चंद्रवंशी के साथ नेहा धोटे, चंचल धोटे, आशा पांडे, कुसुम यादव गर्इं थीं जो सकुशल रहीं।