4.50 लाख अवैध नल कलेक्शन निगम के हर माह गटक रहे करोड़ों का राजस्व

4.50 लाख अवैध नल कलेक्शन निगम के हर माह गटक रहे करोड़ों का राजस्व

इंदौर। नगर निगम द्वारा 1 फरवरी से शहरभर में नर्मदा के अवैध नल कलेक्शन को वैध करवाने के लिए अभियान शुरू होगा। 29 दिनों तक शहर के 19 जोन पर एक निश्चित राशि जमाकर कर शहरवासी अपने अवैध नल कलेक्शन को वैध करवा सकेंगे। इसके साथ ही बकाया जलकर की राशि 50 प्रतिशत जमा करने के बाद कनेक्शन को नियमित किया जा सकेगा। नगर निगम की सीमा में वैध नल कनेक्शन की संख्या लगभग 2.50 लाख है, वहीं शहर में लगभग इससे दोगुना 4.50 लाख अवैध नल कलेक्शन हो सकते हैं। निगम ने एक माह का समय शहरवासियों को दिया, जिसमें वे अवैध नल कलेक्शन को वैध करवा सकते हैं।

इस अभियान का उद्देश्य नगर निगम को अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने साथ ऐसे जलकर बकायादार जो सालों से कर नहीं चुका रहे हैं, उनके खातों में प्रतिमाह नर्मदा जलकर की राशि वसूल करना है। निगम को इस अभियान से 30 से 40 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व मिलने की उम्मीद है। साथ ही ढाई लाख नए करदाता निगम को मिल सकते हैं, जिससे प्रतिमाह का निगम का राजस्व कलेक्शन भी 30 से 40 करोड़ बढ़ जाएगा। निगम के इस प्रयास से प्रतिमाह कर्मचारियों को वेतन देने की चिंता दूर हो जाएगी।

नगर निगम रिकॉर्ड में दर्ज 2.50 लाख नल कलेक्शन

अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने बताया कि शहर में लगभग 2.50 लाख जलकरदाता हैं, लेकिन शहर का दायरा एव ंजल वितरण क्षेत्र भी पिछले 9 सालों में बढ़ा है। नगर निगम में कुल संपत्ति कर खातों की संख्या 6 लाख 55 हजार है, इस लिहाज से जलकर खातों की संख्या होना चाहिए। शहर में एक बड़ी संख्या अवैध नल कनेक्शन की हो सकती है। इस समस्या के निराकरण हेतु निगम एक माह का समय उन जल करदाताओं को दे रहा है जिनके पास अवैध नल कलेक्शन है। एक अनुमान के अनुसार ये शहर में 4.50 लाख हो सकते हैं। इसमें निगम के बकायादार भी शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने लम्बे समय से नर्मदा का बिल नहीं जमा किया है।

चारों दिशाओं में 6 किलोमीटर बढ़ी आपूर्ति

जलकार्य समिति के प्रभारी बबलू अभिषेक शर्मा ने बताया कि शहर तेजी से बढ़ता जा रहा है। अमृत योजना के तहत नगर निगम अब नर्मदा का चौथा चरण लाने की तैयारी कर रहा है। शहर में जल आपूर्ति की 2014 के बाद 6 किलोमीटर की परिधी में बढ़ गई, लेकिन शहर में वैध कनेक्शन की संख्या नहीं बढ़ी है। यही कारण है निगम अब अभियान चलाकर अवैध नल कनेक्शन को वैध करेगा। 1 से 29 फरवरी तक की समय अवधि में भी अवैध नल कलेक्शन वैध नहीं करवाने वालों पर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।

जल आपूर्ति पर खर्च 800 और वसूली 200 रुपए

निगम शहर से 80 किमी दूर जलूद पम्पिंग स्टेशन से शहर के हर घर तक जल आपूर्ति कर रहा है। इसके लिए प्रतिमाह 25 करोड़ की बिजली पानी को पम्प करने के लिए खर्च होती है। लाइन के रखरखाव और प्रबंधन पर 5 से 10 करोड़ खर्च होते है। वहीं 5-7 करोड़ से अधिक राशि कर्मचारियों के वेतन पर खर्च होती है। इस प्रकार इंदौर में जल आपूर्ति पर निगम प्रतिमाह 35-40 करोड़ की राशि खर्च करता है। निगम को 800 प्रतिमाह एक घर में जल वितरण का खर्च उठाना होता है जबकि बिल 200 रु. वसूलता है।