13 साल से चल रहा सीवर लाइन और स्टार्म वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट, लाभ कुछ नहीं, सिर्फ परेशानी

13 साल से चल रहा सीवर लाइन और स्टार्म वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट, लाभ कुछ नहीं, सिर्फ परेशानी

जबलपुर । 13 साल से जारी सीवर लाइन प्रोजेक्ट और स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम शहरवासियों के लिए सिवाय सिरदर्द और परेशानी के कोई राहत नहीं दे सका है। दोनों योजनाएं अब तक पूरी नहीं हुई हैं जबकि इनके लिए राशि की कोई समस्या नहीं थी। काम करवाने के लिए सही कंपनियों का चयन न हो पाना और प्रॉपर मॉनीटरिंग के अभाव के चलते किए गए काम में खर्च हो चुके करीब 4 सौ करोड़ रुपए के बाद अभी भी 100 करोड़ से अधिक राशि की कमी है। बार-बार परिसीमन के बदलने से रकबा 263 वर्ग किमी हो गया है। वहीं आबादी भी 15 लाख के करीब पहुंच चुकी है। इसी वजह से जल निकासी की व्यवस्था करने नगर निगम ने स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना के तहत नालों का पक्कीकरण कार्य 10 साल पहले शुरू किया था जो आज भी अधूरा ही है। हालात यह हैं कि अच्छे खासे चौड़े नालों को चौथाई कर पक्का तो कर दिया जिससे तेज बहाव में इनसे पानी की निकासी ही नहीं हो पा रही है और शहर में जलप्लावन हो रहा है। स्टार्म वाटर डेÑनेज सिस्टम में 365 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद शहर से जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई। यहां गौरतलब है कि काम 70 फीसदी हुआ और कंपनियों को पूरा भुगतान कर दिया गया। इसके बाद नगर निगम ने काम करने वाली कंपनी को ब्लेक लिस्टेड कर दिया और अब तक काम बंद पड़ा है।

सीवर लाइनों में भर रहा बारिश का पानी

यही हाल सीवर लाइन प्रोजेक्ट का है जो कि वर्ष 2007-2008 से शहर में शुरू हुआ था। 13 साल बाद भी ये प्रोजेक्ट जनता को राहत देने की स्थिति में नहीं है। करीब 3 साल पहले दमोहनाका के पास राजीव गांधी वार्ड व इसके आसपास के एकाध वार्ड के 5 हजार घरों को सीवर लाइन से जोड़ा गया था जिसका खासा प्रचार नगर निगम ने करवाया था। इसके बाद काम कहां तक पहुंचा और कितने लोगों को इसका लाभ मिला इस बारे में नगर निगम मौन है। आलम यह है कि कई जगह डाली गई सीवर लाइनों का अता-पता नहीं है कि ये सड़कों के निर्माण के बाद कितनी गहरी धंस चुकी हैं। इनमें बारिश का पानी समा रहा है। सीवर लाइन डालने का ठेका जिन कंपनियों को दिया गया था उन्हें भी ब्लेक लिस्टेड कर दिया गया था बाद में दूसरी कंपनी ने काम शुरू किया मगर यह कब पूरा होगा कोई नहीं जानता।

लगना हैं 100 करोड़, बचे सिर्फ 10 करोड़ रुपए

स्टार्म वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट में ननि के पास महज 10 करोड़ रुपए बचे हैं जबकि इसमें लगना करीब 100 करोड़ रुपए हैं। अब बचा हुआ काम जो भी ठेकेदार करेगा वह अपनी शर्त व राशि तय कर ही काम करेगा। नई टेंडर प्रक्रि या के बाद भी शहर को कम से कम 3 साल का इंतजार काम पूरा होने में करना होगा।