औद्योगिक विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ रूके काम होंगे पूरे : कोठारी
इंदौर। प्रदेश में पुन: भाजपा की डबल इंजन की सरकार बन चुकी है। निवेशक जगत में इसे राजनीतिक स्थिरता के रूप में शुभ संकेत माना जा रहा है और इससे निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए एक नया उत्साह निर्मित होगा। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा। पीथमपुर औद्योगिक संगठन, रेरा, एसो. ऑफ इंडस्ट्री एमपी, अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स, बस ऑनर्स एसो., वायर एंड वायर प्रोडक्ट, होटल रेस्टोरेंट एसो. ही नहीं, सोना- चांदी व्यापार से जुड़े कारोबारियों ने कई तरह की उम्मीदें लगाई हैं।
नए सिरे से बनाना होगा रोडमैप
ग्लोबल फोरम फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के प्रेसीडेंट दीपक भंडारी ने बताया कि इंदौर, देवास, पीथमपुर, धार, घाटा बिल्लौद, उज्जैन, रतलाम, नीमच इंडस्ट्रीयल बेल्ट है। यहां मैन्यूफेक्चरिंग, सर्विस के साथ एक्सपोर्ट होता है। प्रदेश का 90 फीसदी कारोबार यहां से होता है। यकीनन प्रदेश के विकास का रोडमैप नए सिरे से बनाना होगा।
...और विकास गति पकड़ेगा
रेरा उपाध्यक्ष विजय गांधी के अनुसार डबल इंजन सरकार रियल एस्टेट के क्षेत्र को बढ़ावा देगी। हो सकता है नया मास्टर प्लान तेजी से लागू हो, नक्शों पर काम हो... काम की गति तेज होने को सिंगल विंडो सो चालू करना होगा, तभी इसके सुफल हम सबके सामने आएंगे और विकास गति पकड़ेगा।
बेहतर उद्योग नीति से प्रशस्त होगा प्रदेश में निवेश का मार्ग
पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी के अनुसार प्रदेश में औद्योगिक विकास की असीम संभावनाएं हैं, किंतु उसके लिए एक बेहतर, सुविचारित, सुनियोजित रोडमैप की आवश्यकता है। उद्योग नीति-2014 का कार्यकाल वर्ष- 2019 में समाप्त हो चुका है और नई नीति प्रतीक्षित है। नीति के निर्माण में उद्योग संगठनों की राय व सहमति हो तो एक बेहतर उद्योग नीति बनकर प्रदेश में निवेश का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
अहिल्या चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सुशील सुरेखा के अनुसार डबल इंजन सरकार व्यापार उद्योग के लिए यह एक सकारात्मक संदेश है कि केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार है। इससे प्रदेश का उत्थान अवश्य ही बेहतर होगा और हमें उम्मीद है कि इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी के साथ-साथ टैक्सेशन संबंधी जो परेशानियां व्यापार उद्योग को उठाना पड़ रही हैं, उन्हें केंद्र से हल करवाने में प्रदेश सरकार अधिक सफल होगी।
वायर एंड वायर प्रोडक्ट मैन्यूफेक्चरर्स एसो. के मुस्ताक कुरैशी बताते हैं-टैक्स का सरलीकरण जरूरी है। फिलहाल स्थिति में वर्किंग टाइम का 25 फीसदी इसी में निकल जाता है, नए प्रावधानों के कारण छोटी इकाइयों की कॉस्ट बढ़ गई है। इंडस्ट्रीयल लैंड महंगी हो गई है। सांवेर रोड में 2500 के भाव जमीन मिल रही है... ऐसे में सर्वाइव करना मुश्किल है। डीपी ज्वेलर्स के डायरेक्टर अनिल कटारिया के अनुसार व्यापार-उद्योग को गति मिलेगी।
ऑन लाइन का दौर...बनाई जाए चेकपोस्ट खत्म करने की योजना
बस ऑपरेटर एसो. के अध्यक्ष ब्रजमोहन राठी के अनुसार हम चाहते हैं इसे व्यवसाय की बजाय सेवा श्रेणी में शामिल करना चाहिए। इससे टूरिंग को गति मिलेगी। ऑनलाइन का दौर है, चेकपोस्ट को खत्म करने की प्लानिंग होना चाहिए। नई परिवहन नीति बनाई जानी चाहिए। प्रदेश सरकार इस पर काम कर सकती है।
एसो. ऑफ इंडस्ट्री एमपी के अध्यक्ष योगेश मेहता के अनुसार प्रदेश औद्योगिक विकास में आगे हैं। एक ही दल का वर्चस्व होने से विकास के लिए पैसा आसानी से मिल जाता है। प्रदेश में मालवांचल का वर्चस्व चहुंमुखी विकास का पथ साबित होगा। अब अधूरे प्रोजेक्ट पूरे होंगे। नए क्लस्टरों के हितार्थ नई योजनाएं प्रोजेक्ट आ सकते हैं।
होटल एसो. के सुमित सूरी का मानना है होटल इंडस्ट्री टैक्सेस को लेकर आशान्वित है। वह चाहते हैं लिकर पॉलिसी में मिनिमम गारंटी का प्रावधान खत्म हो, इसी तरह जीएसटी की मिनिमम स्लैब बढ़ाई जाए। फिलहाल 12 से 18 फीसदी का टैक्सेसन है। होटल इंडस्ट्री के हित में प्रदेश सरकार इसके लिए अनुशंसा कर सकती है।