अवैध कॉलोनाइजिंग में नेताओं व अधिकारियों का गठजोड़, रासुका बनेगी माननीयों के जी का जंजाल

अवैध कॉलोनाइजिंग में नेताओं व अधिकारियों का गठजोड़, रासुका बनेगी माननीयों के जी का जंजाल

ग्वालियर। प्रदेश सरकार द्वारा अवैध कॉलोनाइंजिंग पर रासुका लगाने की तैयारी से राजनीतिक /प्रशासनिक हल्कों में हड़कंप मच गया है। क्योंकि ज्यादातर अवैध कॉलोनाइजर को सत्ता में बैठे नेताओं व प्रशासन के लोगों का गठजोड़ होने से संरक्षण प्राप्त हैं। साथ ही नए कानून के लागू होने पर पहले की तरह संरक्षण देने वाले माननीयो को ढाल बनना जी का जंजाल बनेगा, तो चुनाव से लेकर पार्टी कार्यक्रमों में फंडिंग देने वालों को फंदे में आने पर मदद न मिलने पर बवाल भी होगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वर्ष 2017 में प्रदेश भर में वर्ष 2016 से पहले अस्तित्व में आई अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की गई थी, जिसके चलते नगर निगम व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा ग्वालियर में बनी 696 अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार की गई थी, जिसमें से 429 कॉलोनियां वैध होने के नियमों में सही पाई गई और बाकी बची 267 कॉलोनियों को सरकारी जमीन व ग्रीन बेल्ट पर होने के चलते वैध करने की परिधि से बाहर कर दिया गया। इसके बाद नगर निगम द्वारा अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निर्माण कार्य भी शुरू कराए गए थे, लेकिन मामला उच्च न्यायालय में चले जाने पर सभी काम रोक दिए गए। लेकिन इसके बाद वर्ष 2023 में शुरू हुई प्रक्रिया के चलते 311 अवैध कॉलोनियां वैध कर दी गई हैं।

2017 से होना थीं कॉलोनियां वैध

शासन द्वारा जारी राजपत्र में 31 दिसंबर 2022 तक स्थापित अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए चिह्नित करने के निर्देश दिए गए थे। जिसमें एलआईजी व ईडब्ल्यूएस रहवासियों पर कोई विकास शुल्क न लेने व शेष भाग से 50 प्रतिशत व 50 प्रतिशत नगरीय निकाय द्वारा विकास शुल्क वहन करना बताया था, लेकिन निगम द्वारा अभी तक आदेश निकाल कर अधिकृत सर्वे नहीं किया गया है।

600 से ज्यादा अवैध कॉलोनी, अकेले ग्वालियर ग्रामीण में है 223

वर्ष 2022 तक बनी अवैध कॉलोनियों को वैध करने के निर्देश पर विधानसभा चुनाव 2023 की आचार संहिता लगने के पहले निगम ने दूसरे चरण के सर्वे के चलते ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा को बिना आदेश के टारगेट कर सर्वे करवाया गया था। जिसमें निगम अधिकारियों को 223 अवैध कॉलोनियां मिली थीं। जानकारों की मानें तो 600 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां हैं, जो सत्ता में मौजूद रहने वाले नेताओं के करीबियों की हैं।

निगम को केवल इतनी कॉलोनियों की जानकारी

निगम जानकारों की मानें तो शहरी क्षेत्र वाले ग्राम अजयपुर में 23, केदारपुर में 05, पुरानी छावनी 28, मुरार 30, भाटखेड़ी 03, बड़ागांव 35, बेहटा 03, शाहनपुर 05, विक्रमपुर 05, सेंथरी 11, खेरिया मोदी 12, खुरैरी 12, सिरोल 02, बरा 03, मोहनपुर 02, मालनपुर 06, गोसपुरा 02, रायरू फार्म 02, कोटा लश्कर में केवल 01 जगह पर अवैध कॉलोनाइंजिंग हो रही है।

नेताओं/ अधिकारियों की फंडिंग का बड़ा जरिया

नेताओं को वोटों व अनदेखी करने वाले अधिकारियों के चक्कर में शहर की सभी अवैध कॉलोनियों में नल, बिजली, पानी, सीवर लाइन आदि की व्यवस्थाएं करा दी हैं। जानकारों की मानें तो फंडिंग के चलते शिवपुरी लिंक रोड पर कई अवैध कॉलोनियों में अमृत योजना के तहत पानी-सीवर की लाइनें भी डाल दी गई हैं। साथ ही बिल्डरों को लाखों-करोड़ों का फायदा देने के खेल में नेताओं व अफसर बराबर कदमताल करते हुए सड़क-पानी-सीवर जैसी मूलभूत सुविधाएं बिना विकास शुल्क के दे रहे हैं।