उत्तरपुस्तिकाओं पर होगा बार कोड, छात्र की पहचान छिपी रहेगी

उत्तरपुस्तिकाओं पर होगा बार कोड, छात्र की पहचान छिपी रहेगी

ग्वालियर। माध्यमिक शिक्षा मंडल की हाईस्कूल और हायर सेकंडरी की सत्र 2023-24 की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन 22 फरवरी से शुरू हो रहा है। बुधवार को उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचाए जाने का सिलसिला जारी रहा। साथ ही कॉपियां पर पहले पेज (जिस पर छात्र का नाम और रोल नंबर होता है) को हटाकर बार कोड लगाए गए। कॉपी से अलग किए पेज पर भी बार कोड लगाकर स्कैन करके सॉμटवेयर में जानकारी फीड की जाएगी। कॉपी जंचने के बाद जब ऑनलाइन फीडिंग का कार्य किया जाएगा, तब बार कोड के आधार पर सॉफ्टवेयर छात्र के नंबर फीड कर देगा।

बार कोड लगने के बाद कॉपी जांचने वाले शिक्षक को यह पता नहीं होगा कि वह किस छात्र की कॉपी जांच रहा है, ऐसा होने पर वह मनमाने तरीके से नंबर नहीं दे सकेंगे। मंडल ने पिछले साल बार कोड का प्रयोग तीन जिलों में किया था, जिसमें सफलता के बाद मंडल से इस साल पूरे प्रदेश में इस बारकोड सिस्टम का पालन किया जा रहा है। मूल्यांकनकर्ताओं को 10वीं की प्रति कॉपी जांचने पर 15 रुपये और 12वीं की 16 रुपये मिलेंगे। मूल्यांकन के लिए समन्वयक संस्था शा. कन्या उमावि शिंदे की छावनी में 10वीं में हिंदी 27000, संस्कृत 25200, 12वीं में हिंदी 21600, अंग्रेजी की 18000 कॉपियां जंचने के लिए आई हैं।

100 अंक मिलने पर तीन बार जंचेगी कॉपी

मूल्यांकनकर्ता द्वारा किसी छात्र को 100 नंबर दिए जाते हैं तो ऐसी उत्तरपुस्तिकाएं तीन बार जांची जाएंगी। इतना ही नहीं यदि शिक्षकों ने कॉपी जांचने में एक गलती की तो उन्हें 100 रुपए प्रति गलती जुर्माना देना पड़ेगा। हर एक मूल्यांकनकर्ता को प्रतिदिन अधिकतम 45 कापियां जांचना होंगी। हर दिन करीब 2500 से 3000 उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का लक्ष्य है। कॉपी चेकिंग में उन टीचरों की ड्यूटी लगाई गई है जो परीक्षा में व्यस्त नहीं हैं। जिनकी ड्यूटी पहले से ही परीक्षा में लगी है, उन्हें लास्ट फेज में मूल्यांकन में लगाया जाएगा। जिस कक्ष में कॉपियां चेक होंगी वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि कोई गड़बड़ी ना हो। जब तक बोर्ड परीक्षा चलेंगी, तब तक दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक मूल्यांकन होगा। परीक्षा खत्म होने पर सुबह 10 से शाम छह बजे तक मूल्यांकन कार्य होगा। मंडल 15 अप्रैल तक दोनों कक्षाओं के रिजल्ट जारी करने पर काम कर रहा है।

10वीं और 12वीं कॉपियों के मूल्यांकन से पहले बार कोड का इस्तेमाल होगा, इससे छात्र की पहचान छिपी रहेगी। कॉपी के पहले पेज पर छात्र की जानकारी होती है, उसे हटाकर बार कोड लगाया जाएगा। दीपक पांडे, संभागीय अध्यक्ष लोक शिक्षण