विदेश में बसे भोपाली इंडियन क्लब में लक्ष्मी पूजन और पॉटलक करते हुए मनाएंगे दीपावली

ओमान, जर्मनी, यूके और यूएस में रह रहे शहर के नागरिक देसी-विदेशी दोस्तों संग मनाएंगे त्योहार

विदेश में बसे भोपाली इंडियन क्लब में लक्ष्मी पूजन और पॉटलक करते हुए मनाएंगे दीपावली

 विदेश में बसे भोपालवासियों ने भी दीपावली की पूरी तैयारी कर ली है और वे वहां धूमधाम से दिवाली मनाएंगे। हालांकि भोपाल में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के साथ दिवाली मनाना जरूर मिस करेंगे। विदेशों में भी दीपावली सेलिब्रेशन कुछ दिन पहले से शुरू हो जाता है और वहां भी दिवाली की रौनक नजर आने लगती है। ऐसी कोई भी चीज नहीं होती जो कि दिवाली शॉपिंग को लेकर इंडियन स्टोर्स पर उपलब्ध न हो। तो सभी दीयों से अपने घरों को जगमग करेंगे और दोस्तों के घर भी दीये लेकर जाएंगे। आई एम भोपाल ने जर्मनी, यूके, यूएस और ओमान में रहने वाले भोपालवासियों से बात की और जाना उनके आसपास और उनके दोस्तों के बीच कैसे होगा दीपावली सेलिब्रेशन।

गुजिया, मठरी, मिठाई घर में बनाई

हम यहां इंडियन क्लब के साथ दीपावली सेलिब्रेट करते हैं। इसके अलावा दीपावली वाले दिन अपने घर में लक्ष्मी पूजन करते हैं। मेरे आसपास लगभग 100 इंडियन फैमिली है तो यहां बिल्कुल दिवाली की रौनक नजर आ रही है। पूजन में लगने वाली हर छोटी से छोटी सामग्री यहां मिलती हैं। मैं फ्रैंकफर्ट से 40 किमी दूर पर बिकेनबैक रहती हूं और स्कूल में टीचर हूं। स्कूल में भी सेलिब्रेशन होता है। तीन-चार दिन अलग-अलग दोस्तों के यहां डिनर प्लान करते हैं। मैं घर में ही दूध से मावा बनाकर गुजिया, मठरी, चकली सभी कुछ तैयार करती हूं ताकि हमारी त्योहार की तैयारी किसी भी तरह से कम न लगें। मेरे परिवार में मेरी बेटी यशिता, बेटा सार्थक और पति राहुल सक्सेना हैं। -अनामिका सक्सेना, फैकल्टी, जर्मनी

इंडियन कम्युनिटी के साथ करेंगे पूजन

इंडियन कम्युनिटी के साथ दीपावली मनाते हैं, जिसमें पंजाब और साउथ इंडियन फैमिली होती हैं। हम पॉटलक करते हैं और कैटरर को हायर करके लजीज खाने का जायका लेते हैं। साथ में मिलकर एक जगह बुक करते हैं, वहां रंगोली बनाकर डीजे नाइट एंजॉय करते हैं। मेरे साथ यहां मेरे पति सौरभ अग्रवाल बेटा प्रनिक अग्रवाल हैं। -निलिषा अग्रवाल, कुलिनरी आर्टिस्ट, यूके

ओमान में मॉल में लगते हैं शॉपिंग स्टॉल

मिडिल-ईस्ट के देशों में काफी भारतीय रहते हैं तो यहां भी दीपावली का माहौल दिखता है। मैं ओमान के सोहर में रहती हूं और हम यहां अपने स्कूल में भी दीपावली को लेकर कार्यक्रम आयोजित करते हैं ताकि बच्चे एक-दूसरे के त्योहार जान सकें। मेरे इंडियन स्कूल में स्थानीय व भारतीय बच्चे पढ़ते हैं तो हर त्योहार स्कूल में मनाते हैं। मॉल में यहां कुछ दीपावली शॉपिंग काउंटर लगते हैं, जिन पर दीपावली पूजन का सारा सामान मिल जाता है। धनतरेस पर यहां काफी रौनक रही क्योंकि यहां गोल्ड मुख्य व्यवसायों में से एक है तो भारतीय इस दिन यहां सोना भी खरीदते हैं। इसके अलावा मैं मार्केट से गुजिया, शक्कर पारे, नमकीन और गुलाब जामुन सभी कुछ लाई हूं, बस यहां फायर क्रेकर्स पूरे साल प्रतिबंधित रहते हैं। - संचिता वर्मा, प्रिंसिपल, इंडियन स्कूल,ओमान

देश-विदेश के दोस्तों संग सेलिब्रेशन

लॉस एंजिल्स में अपने कैंपस और आर्ट आॅफ लिविंग के साथ धूमधाम से दीपावाली सेलिब्रेट करूंगा। मैं यहां पढ़ाई के लिए आया हूं तो बार-बार त्योहार पर घर आना नहीं होता पाता, लेकिन घर की याद आती है। हमारा यहां कल्चरल ग्रुप है तो उसमें 70 से 80 भारतीय व स्थानीय दोस्त शामिल होते हैं और हम लक्ष्मी पूजन करते हैं। एक डिनर का भी आयोजन होता है। धनतेरस वाले दिन भी भारतीय परिवारों के साथ सेलिब्रेट किया। विदेश की दीपावली इसलिए भी अलग होती है क्योंकि इसमें सिर्फ भारतीय नहीं पूरे एशियन देशों के दोस्त भी शामिल होते हैं और सभी एंजॉय करते हैं। -तन्मय अग्निहोत्री, एमबीए स्टूडेंट्स, यूएस